चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी: सोलर, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल डिमांड ने बढ़ाया निवेश आकर्षण
सितंबर 2025 में चांदी की कीमतों में 19.4% की तेज़ी दर्ज की गई, जो सोने की तुलना में अधिक है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल और 5G टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर्स से बढ़ती मांग और वैश्विक सप्लाई में कमी ने इस उछाल को मजबूती दी है।


रायपुर, 4 अक्टूबर 2025: सितंबर 2025 का महीना चांदी के निवेशकों के लिए बेहद लाभकारी साबित हुआ है। जहां सोने की कीमतों में 13.56% की बढ़ोतरी देखी गई, वहीं चांदी ने 19.4% की छलांग लगाकर निवेशकों को चौंका दिया।
1 सितंबर को चांदी की कीमत 1,26,000 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो 30 सितंबर को बढ़कर 1,50,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। यह उछाल हाल के वर्षों में किसी एक महीने में दर्ज की गई सबसे बड़ी वृद्धि में से एक है।
दिल्ली में रिकॉर्ड हाई पर चांदी
शुक्रवार को दिल्ली में चांदी की कीमत 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही, जबकि मंगलवार को यह 1,50,500 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर को छू गई। इसी अवधि में सोने की कीमतें 14,330 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़ीं, जो 13.56% की वृद्धि को दर्शाता है।
इंडस्ट्रियल डिमांड बनी प्रमुख वजह
कमोडिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार, चांदी की कुल मांग में 60-70% हिस्सा इंडस्ट्रियल कंजप्शन का है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरियों और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में चांदी की खपत लगातार बढ़ रही है।
वेंचुरा कमोडिटी डेस्क के प्रमुख एनएस रामास्वामी के अनुसार, पिछले सात वर्षों से चांदी की वैश्विक सप्लाई में गिरावट दर्ज की जा रही है। अकेले सौर पैनल सेक्टर में 2023 में 232 मिलियन औंस चांदी की आवश्यकता रही।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने भी पुष्टि की है कि सोलर कैपेसिटी विस्तार, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और 5G रोलआउट जैसे कारकों के चलते आने वाले वर्षों में चांदी की खपत और बढ़ेगी। यही कारण है कि निवेशक अब चांदी को एक मजबूत विकल्प मान रहे हैं।
डॉलर की कमजोरी और वैश्विक अनिश्चितता ने बढ़ाया निवेश आकर्षण
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डॉलर की कमजोरी और भारतीय रुपये का अवमूल्यन भी चांदी की कीमतों को ऊपर ले जाने में सहायक रहा। इसके अलावा, वैश्विक व्यापार तनाव, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती और आर्थिक अनिश्चितता ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्पों की ओर मोड़ा है, जिसमें चांदी प्रमुखता से उभरी है।
स्पॉट सिल्वर और फ्यूचर्स में भी तेजी
ग्लोबल लेवल पर स्पॉट सिल्वर की कीमत लगभग 2% बढ़कर 47.75 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है। साथ ही, MCX पर सिल्वर ऑप्शंस और फ्यूचर्स में भी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है, जिससे ट्रेडिंग वॉल्यूम में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
निवेशकों के लिए संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी की कीमतों में यह तेजी केवल शुरुआत है। इंडस्ट्रियल डिमांड, सप्लाई गैप और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए अगले छह महीनों में चांदी की कीमतों में और वृद्धि की संभावना है। ऐसे में निवेशकों के लिए यह एक रणनीतिक अवसर हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट केवल सूचनात्मक उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।