दंतेवाड़ा । गरीबी रेखा के अंतर्गत जीवन-यापन करने वाली सुनिता उईके को सक्षम योजना ने जीने की नई राह प्रदान की है, आज वह न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि अपने परिवार का भरण-पोषण भी कर रही है। जिला दंतेवाड़ा के कतियारास निवासी उईके अपनी गरीबी को दूर करने के लिए स्वालंबी बनना चाहती थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात महिला और बाल विकास की महिला प्रर्यवेक्षक से हुई। पर्यवेक्षक ने उन्हें महिला जागृति शिविर के माध्यम से शासन के समक्ष ऋण योजना की जानकारी दी। इस योजना के तहत
उईके को सब्जी की दुकान खोलने हेतु 80 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई। मिली राशि की मदद से उन्होंने दंतेवाड़ा में ठेले पर एवं साप्ताहिक हाट बाजार में व्यवसाय प्रारंभ किया। इससे उसे अच्छी आमदनी हो रही है। आज वह खुद और अपने पांच सदस्यीय परिवार का भरन-पोषण करते हुए समाज में स्वाबलंबी बनकर सम्मानजनक जीवन यापन कर रही हैं। सुनीता ने इस सहायता के लिए छत्तीसगढ़ शासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस योजना जरूरतमंद महिलाओं के लिए वरदान बताया है।
महिलाओं का स्वालंबन की दिशा में छत्तीसगढ महिला कोष के अंतर्गत संचालित महत्वाकांक्षी योजना ‘‘सक्षम योजना‘‘ का मुख्य उद्देश प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाएं, विधवा, 35 से 45 आयु वर्ग की अविवाहित अथवा कानूनी तौर पर तालाकशुदा महिलाएं और ग्राम पंचायत या सामाजिक संस्था द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर परित्यकता महिलाएं जो कि संकट ग्रस्त परिस्थितियों में जीवन यापन कर रही है। उन्हें स्वयं का व्यवसाय आरंभ करने हेतु ऋण प्रदायकर आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर तथा सामाजिक रुप से सम्मानजनक, स्वावलम्बी व समृद्ध जीवन के अवसर उपलब्ध कराना है। इस योजना के माध्यम से 6-50 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर पर एक लाख रुपये तक का ऋण 5 वर्गों के लिये आसान किस्तों हेतु स्वीकृत किया जाता है।