छत्तीसगढ़ी और मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए अब जनपदों में होगा जन जागरण

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रायपुर।  छत्तीसगढ़ के सभी जनपद मुख्यालयों में राजभाषा छत्तीसगढ़ी को लेकर जन-जागरण का आयोजन होगा। इसका ऐलान राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर आयोजित तीन दिवसीय जन-जागरण के समापन मौके पर किया गया।

छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना की ओर से रायपुर के बूढ़ातालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई-लिखाई की मांग को लेकर जन-जागरण अभियान चलाया गया। इसके पीछे उद्देश्य समाज और सरकार को मातृभाषा के प्रति जागृत करना था. इस आयोजन में साहित्यकार, पत्रकार, फिल्म कलाकार और भाषा के जानकार शामिल हुए।

छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना की अध्यक्ष लता राठौर ने कहा कि तीन दिनों तक राजधानी रायपुर में हमने जन-जागरण का कार्यक्रम रखा था।

अब इसी का विस्तार करने का फैसला संगठन की ओर से लिया गया है। इसके तहत राज्य के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में भी इस तरह से आयोजन होगा। छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और अन्य सामाजिक संगठनों के सहयोग से हम सभी मातृभाषा के लिए काम करते रहेंगे। छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संयोजक नंदकिशोर शुक्ल ने कहा कि जन-जागरण की आवश्यकता इसलिए पड़ रही है क्योंकि मातृभाषा में पढ़ाई-लिखाई नहीं हो रही है।

सरकारी काम-काज भी राजभाषा छत्तीसगढ़ी में नहीं हो रहा है। हम सब मिलकर यह प्रयास कर रहे हैं कि राज्य की सभी मातृभाषाओं में शिक्षा दी जाएं। शिक्षा के अधिकार कानून से लेकर, शिक्षा नीति तक में यह अधिकार प्राप्त है। बावजूद इसके सरकार इसे लेकर क्यों सजग नहीं यह समझ से परे है।

तीन दिन चले इस आयोजन में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल, साहित्यकार सुधीर शर्मा, फिल्मकार चंद्रशेखर चकोर, लोक गायिका रमा जोशी, डॉ. दीनदयाल साहू, जयंत साहू, गजेन्द्र वर्मा, अरुणा वर्मा, सुनीता हनुमंता, लक्ष्मी नाग, प्रिया सेन, ऋतुराज साहू सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

Richa Sahay

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