Sunday, June 1, 2025
HomeBig BreakingNCR सबवेंशन योजना के घर खरीदारों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने...

NCR सबवेंशन योजना के घर खरीदारों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी अटके प्रोजेक्‍ट्स की डिटेल

Advertisements

NCR – सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लंबित हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है. इन प्रोजेक्ट्स में घर खरीदने को हो बायर्स ने सबवेंशन योजना के तहत लोन लिया था. घर का कब्‍जा सौंपने तक लोन ईएमआई बिल्डरों को चुकानी थी. लेकिन, बिल्‍डर समय पर प्रोजेक्‍ट पूरा नहीं कर पाए और न ही बैंकों की ईएमआई चुकाई. बिल्‍डरों की चूक पर बैंकों ने घर खरीदारों से ही वसूली शुरू कर दी.

Advertisements

सबवेंशन योजना के तहत बैंकों ने स्वीकृत राशि सीधे बिल्डरों के खातों में ट्रांसफर की थी. इस योजना के अनुसार, जब तक खरीदारों को फ्लैट का कब्जा नहीं मिलता, तब तक बिल्डरों को ईएमआई चुकानी थी. इसी के खिलाफ घर खरीदार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने इस समस्या पर व्यापक अध्ययन करते हुए सभी संबंधित पक्षों से जानकारी मांगी है. अदालत ने कहा कि यह पता लगाना जरूरी है कि बिल्डरों ने बैंकों को कितना भुगतान किया, खरीदारों ने बिल्डरों या बैंकों को कितना भुगतान किया और परियोजनाओं की मौजूदा स्थिति क्या है.

सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डरों और खरीदारों द्वारा बैंकों को किए गए भुगतान, जिन प्रोजेक्ट्स को पूरा घोषित किया गया है, वहां कब्जा सौंपने की तारीख, हाउसिंग प्रोजेक्ट की मौजूदा प्रगति, खरीदारों से की जा रही वसूली की स्थिति, लॉन्च के समय बिल्डरों द्वारा प्रचारित सुविधाओं और उनके मौजूदा हालात और क्या बिल्डर के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया (CIRP) या अन्य वसूली प्रक्रिया शुरू की गई है, आदि का विवरण मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी घर खरीदारों को राहत देते हुए बैंकों और बिल्डरों को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई से रोका था. अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि खरीदारों के खिलाफ चेक बाउंस जैसे मामलों में कोई शिकायत दर्ज न की जाए.

दिल्ली हाईकोर्ट ने साल 2023 में अपने एक फैसले में घर खरीदारों को राहत देने से इनकार किया गया था. इसी फैसले के खिलाफ घर खरीदार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों को अंतरिम राहत दी. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बैंकों ने आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए बिल्डरों के खातों में अवैध रूप से लोन राशि जमा की.

“यह एक क्लासिक मामला है जहां एक अमीर व्यक्ति (बैंक/वित्तीय संस्थान) ने दूसरे अमीर व्यक्ति (बिल्डर) को पैसा दिया. जिसने पैसा लिया (बिल्डर), वह अपनी जिम्मेदारियां पूरी किए बिना भाग गया. जिसने पैसा दिया (बैंक/वित्तीय संस्थान), उसने इसे कानून का उल्लंघन करते हुए जारी किया. अब गरीब व्यक्ति (घर खरीदार) को पीड़ित बना दिया गया है और बैंक द्वारा मुकदमे में घसीटा जा रहा है, जबकि उसे एक भी रुपया नहीं मिला.”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments