नवरात्रि का है नौवां दिन,होती है मां के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा

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नवरात्रि के आखिरी दिन यानी नवमीं को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।यह मां दुर्गा का नौ रूप है ।इस दिन घरों में कन्याओं को मां दुर्गा के रूप में मानकर भोजन कराते हैं।

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप

कमल पर विराजमान चार भुजा वाली मां सिद्धिदात्री लाल साड़ी में विराजित है। चारों हाथों में सुदर्शन चक्र ,शंख, गदा और कमल रहता है। सिर पर मुकुट और चेहरे पर मंद मुस्कान ही मां सिद्धिदात्री की पहचान है।

पूजा विधि

घी का दीपक जलाने के साथ-साथ मां सिद्धिदात्री को कमल का फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है इसके अलावा जो भी फल या भोजन मां को अर्पित करें वह लाल वस्त्र में लपेट कर दें।

माता को भोग में चढ़ाएं यह सब


  • मां दुर्गा को पूरन पोली, हलवा, खीर, मालपुआ ,केला, नारियल और मिष्ठान बहुत प्रिय है।

मां सिद्धिदात्री का पसंदीदा रंग


मान्‍यता है कि मां सिद्धिदात्री को लाल और पीला रंग पसंद है।

ध्यान

वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम्॥
स्वर्णावर्णा निर्वाणचक्रस्थितां नवम् दुर्गा त्रिनेत्राम्।
शख, चक्र, गदा, पदम, धरां सिद्धीदात्री भजेम्॥
पटाम्बर, परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्।।
प्रफुल्ल वदना पल्लवाधरां कातं कपोला पीनपयोधराम्।
कमनीयां लावण्यां श्रीणकटि निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

स्तोत्र पाठ


कंचनाभा शखचक्रगदापद्मधरा मुकुटोज्वलो।
स्मेरमुखी शिवपत्नी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालंकारं भूषिता।
नलिस्थितां नलनार्क्षी सिद्धीदात्री नमोअस्तुते॥
परमानंदमयी देवी परब्रह्म परमात्मा।
परमशक्ति, परमभक्ति, सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
विश्वकर्ती, विश्वभती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता।
विश्व वार्चिता विश्वातीता सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
भुक्तिमुक्तिकारिणी भक्तकष्टनिवारिणी।
भव सागर तारिणी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
धर्मार्थकाम प्रदायिनी महामोह विनाशिनी।
मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥

Richa Sahay

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