अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है, जो वास्तव में स्वयंसेवकों के प्रयासों का समर्थन करने के लिए सरकारों को प्रोत्साहित करने, स्वयंसेवकों के योगदान को मान्यता देने का एक अवसर है। दुनियाभर में स्वयंसेवक विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं, जो आपात परिस्थितियों में अहम भूमिका निभाते हैं। इस साल दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बीच उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई।
दुनियाभर में कोरोना महामारी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सामुदायिक सहभागिता में स्वयंसेवकों की भूमिका स्वीकार की है, जिन्होंने इस घातक संक्रामक रोग और इसके कारण दुनियाभर में उपजे लॉकडाउन के हालात के बीच पीड़ितों व प्रभावितों की मदद के लिए हरसंभव कदम उठाए।भारत सहित कई देशों में स्वयंसेवक लॉकडाउन के कारण प्रभावित एक बड़ी आबादी की मदद के लिए आगे आए।
We proudly present to you, the #togetherwecan anthem featuring our brilliant volunteers!
You are and will always be an #inspirationinaction because you
-Assure that help is out there ✅
-Provide comfort in adversities✅
-Take risks ✅
–#LeaveNoOneBehind✅#ivd2020 #ivd2020events pic.twitter.com/BLBpkWt1Yb— UNV India (@UNV_India) December 4, 2020
1985 से मनाया जाता है यह दिन
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 1985 से मनाया जा रहा है, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसकी घोषणा की थी। इस खास दिन स्वयंसेवकों को शांति एवं विकास में उनकी सामुदायिक सेवा के लिए याद किया जाता है और आगे भी ऐसे प्रयास जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस कैंपेन इस साल 15 अक्टूबर को ही शुरू हो गया था, जो 5 दिसंबर को अंतराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस पर समाप्त हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र स्वयंसेवक (UNV) ने सामुदायिक प्रयासों में स्वयंसेवकों की भूमिका के महत्व को रेखांकित करते हुए ‘टुगेदर वी कैन’ यानी ‘हम साथ मिलकर कर सकते हैं’ एंथम पेश किया, जिसमें स्वयंसेवकों की भूमिका को सराहा गया। यूएनवी ने स्वयंसेवकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि आप अपने कार्यों को लेकर हमेशा से बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा रहे हैं और आगे भी रहेंगे।