Video: एनडीए के सीपी राधाकृष्णन बने भारत के 17वें उपराष्ट्रपति, विपक्षी उम्मीदवार को 152 वोटों से हराया
महाराष्ट्र के राज्यपाल और तमिलनाडु के वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन ने 452 वोटों के साथ उपराष्ट्रपति चुनाव में निर्णायक जीत दर्ज की। विपक्षी INDIA गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को मिले 300 वोट।


रायपुर, 9 सितंबर 2025: भारत को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी INDIA गठबंधन के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के बड़े अंतर से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
VIDEO | Vice President Election: Secretary General of Rajya Sabha, also the returning officer PC Mody declares CP Radhakrishnan as the next Vice President of India.
He says, "The notice for the 17th election to the office of the Vice President was issued on August 7, in all, 68… pic.twitter.com/VJTHgmdUtz
— Press Trust of India (@PTI_News) September 9, 2025
मतदान प्रक्रिया और परिणाम
- उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 788 सांसदों को मतदान का अधिकार था, जिनमें से 781 ने हिस्सा लिया।
- मतदान का प्रतिशत रहा 98.2%, जो हालिया वर्षों में सबसे अधिक माना जा रहा है।
- कुल 767 वोट डाले गए, जिनमें से 752 वोट वैध पाए गए।
- सीपी राधाकृष्णन को 452 प्रथम वरीयता वोट मिले, जबकि बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए।
- निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने शाम 6 बजे मतगणना के बाद परिणाम की घोषणा की।
नामांकन और उम्मीदवारों की स्थिति
- चुनाव आयोग द्वारा 7 अगस्त को चुनाव की अधिसूचना जारी की गई थी।
- कुल 68 नामांकन प्राप्त हुए, जिनमें से केवल दो नाम—सीपी राधाकृष्णन और बी. सुदर्शन रेड्डी—वैध पाए गए।
- यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद कराया गया।
राजनीतिक समीकरण और समर्थन
- एनडीए के पास संसद में स्पष्ट बहुमत था, जिसमें भाजपा के 342 सांसद शामिल हैं।
- वाईएसआर कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और कुछ निर्दलीय सांसदों ने भी एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दिया।
- बीजेडी और बीआरएस जैसे दलों ने मतदान से दूरी बनाए रखी, जिससे विपक्ष की स्थिति कमजोर हुई।
- विपक्षी INDIA गठबंधन को क्रॉस-वोटिंग की उम्मीद थी, लेकिन वह अपेक्षित समर्थन जुटाने में असफल रहा।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
- तमिलनाडु के वरिष्ठ नेता राधाकृष्णन दो बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं।
- वे 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रहे और संगठनात्मक स्तर पर कई अभियानों का नेतृत्व किया।
- हाल ही में वे झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत रहे हैं।
- उनकी छवि एक समर्पित, विनम्र और अनुभवी प्रशासक की रही है।
उपराष्ट्रपति पद का महत्व
- उपराष्ट्रपति भारत का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है।
- वे राज्यसभा के सभापति होते हैं और राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका निभाते हैं।
- यह चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और नामित सदस्यों द्वारा गुप्त मतदान के माध्यम से संपन्न होता है।
निष्कर्ष
सीपी राधाकृष्णन की जीत ने एक बार फिर एनडीए की राजनीतिक मजबूती को रेखांकित किया है। विपक्ष को जहां एकजुटता की कमी का खामियाजा भुगतना पड़ा, वहीं एनडीए ने रणनीतिक समर्थन और संख्या बल के आधार पर यह चुनाव आसानी से जीत लिया। अब देश की निगाहें नए उपराष्ट्रपति की कार्यशैली और संवैधानिक जिम्मेदारियों के निर्वहन पर टिकी रहेंगी।