कोरोना महामारी के मद्देनजर छठ महापर्व को लेकर झारखंड सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर दी है। गाइडलाइंस में बताया गया है कि लोग कहां पूजा कर सकते हैं और कहां नहीं। गाइडलाइंस के मुताबिक, छठ महापर्व के दौरान श्रद्धालुओं के लिए नदियों और तालाबों में केंद्र सरकार के निर्देशों और सोशल डिस्टेंसिंग (दो गज दूरी) का पालन संभव नहीं है। ऐसे में लोगों को अपने घरों में ही इस बार छठ महापर्व का आयोजन करना होगा।
गाइडलाइंस के मुताबिक, इस बार छठ महापर्व के दौरान किसी भी नदी, लेक, डैम या तालाब के छठ घाट पर किसी तरह के कार्यक्रम के आयोजन की इजाजत नहीं दी गई है। छठ घाट के पास कोई दुकान और स्टॉल लगाने की इजाजत नही दी गई है।पर्व के दौरान सार्वजनिक स्थल पटाखा, लाइटिंग और मनोरंजन संबंधी कार्यक्रम पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
Chhath puja in water bodies including public ponds, lakes, rivers, dams, reservoirs shall not be permitted in view of COVID-19 pandemic: #Jharkhand Government pic.twitter.com/6ZEUhFcePx
— ANI (@ANI) November 16, 2020
गाइडलाइंस में कहा गया है कि घाट पर भीड़ और एक साथ स्नान से संक्रमण बढ़ने का खतरा है। नदी और तालाब के एक ही पानी में सैकड़ों श्रद्धालु भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए उतरते हैं। ऐसे में कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। सरकार का कहना है कि बेहतर होगा कि लोग अपने घरों में ही महापर्व मनाएं।
चार दिवसीय छठ महापर्व 18 नवंबर से शुरू होगा। 18 नवंबर को नहाय-खाय और 19 नवंबर को खरना है। 20 नवंबर को पहला अर्घ्य और 21 नवंबर को दूसरा अर्घ्य है। कोरोना महामारी के संक्रमण को देखते हुए झारखंड सरकार ने यह गाइडलाइंस जारी की है। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस से साफ हो गया है कि इस बार तालाबों और नदियों के किनारे छठ महापर्व का आयोजन नहीं किया जा सकेगा। लोगों को घर में पर्व को मनाना होगा।