विधानसभा : अपनी ही पार्टी पर घिरे खाद्य मंत्री

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रायपुर । विधानसभा में गुरूवार को प्रश्नकाल शुरू हुआ. इस दौरान अपनी ही पार्टी के विधायक के सवाल पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत घिरते हुए नजर आएं. ये सवाल कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने पूछा था, जो धान खरीदी और कस्टम मिलिंग से जुड़ा हुआ था।

विधायक संतराम नेताम ने पूछा कि कोंडागांव में खरीफ वर्ष 2019-20 और 2020-21 में समर्थन मूल्य में कितना धान खरीदा गया ? पुराने धान का उठाव क्यों नहीं हुआ और मिलिंग क्यों नहीं करायी गयी ?

इसके जवाब में खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि 2019-20 में 1,44,677 टन धान की खरीदी की गयी और 2020-21 में 1,43,463 टन धान की खरीदी की गयी। कस्टम मिलिंग के लिए 94,938 टन धान के विरूद्ध 63,808 टन राईस मिलरों द्वारा जमा कराया गया. 2020-21 में 18 जनवरी में 20,256 टन धान के विरूद्ध अनुपातिक चावल 13,574 टन चावल में से 10,595 टन जमा कराया गया.

विधायक संतराम नेताम ने पूछा कि शेष धान की मिलिंग क्यों नहीं करायी गयी ?

इसके जवाब में अमरजीत भगत ने कहा कि केन्द्र से अनुमति देर से मिली और उसना चावल की मिलिंग क्षमता कम है.

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि धान सड़ गये है. उन्होंने सदन की कमेटी बनाकर स्टेकिंग पाइंट की जाँच कराने की मांग की. जिससे पूरी स्थिति स्पष्ट होगी.

अमरजीत भगत ने कहा कि किसानों के नाम पर सिर्फ़ घड़ियाली आँसू बहाएंगे तो ठीक नहीं है. केवल भाषण करना और राजनीति करना है तो बात अलग है. किसानों के हित को लेकर केंद्र सरकार को क्या एक पत्र भी लिखा है. किसानों के हित के यदि समर्थक हैं तो केंद्र को एक चिट्ठी लिखने में क्या दिक़्क़त हैं.

प्रश्नकाल में उठाएं गए अन्य सवाल

बीजेपी विधायक रंजना साहू ने धमतरी जिले के पुलिस विभाग को जमीन की रजिस्ट्री संबंधित प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई के लिए सवाल लगाया. उन्होंने पूछा कि प्राप्त शिकायत पर क्या कुछ कार्रवाई की गई है ?

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने इसके जवाब में कहा कि जो मामले आए थे उस पर कार्रवाई की गई और भी जानकारी दे दी जाए कार्रवाई की जाएगी.

प्रश्नकाल के दौरान विधायक अरुण वोरा की अनुपस्थिति में विधायक मोहन मरकाम ने पूछा कि प्रदेश में 99497 किसानो ने धान नहीं बेचा. कितनो को टोकन मिला और कितने लोग धान नहीं बेच पाए ?

मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब दिया कि 2020 -21 में प्रदेश में 40 लाख 39476 हेक्टेयर रकबे में धान की खेती की गई. टोटल 2152986 पंजीकृत किसान ने पंजीयन कराया था. 95.38 फ़ीसदी किसानों ने धान बेचा है धान बेचने का दबाव किसी के ऊपर नहीं रहता है.

इस पर विपक्ष ने पूछा कि जिनका टोकन कटा हुआ है और वह धान नहीं बेच पाए हैं उनका धान खरीदा जाएगा क्या ? इस पर आसंदी ने कहा, सूची मंगाकर चर्चा की जाएगी.

प्रश्नकाल के दौरान विधायक कुलदीप जुनेजा ने रायपुर के मौदहापारा से गुरुद्वारा जाने वाले मार्ग पर नहरपारा के समीप स्थित बोतल नेक मार्ग के चौड़ीकरण का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि इस मार्ग के चौड़ीकरण नहीं होने से लोगों को स्टेशन आने-जाने में तकलीफ हो रही है.

इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने जवाब देते हुए कहा कि यहां पर सड़क बनाने में ढाई करोड़ खर्च हो रहा हैं और मुआवजा लगभग साढ़े 10 करोड़ रुपए बन रहा है. ऐसी स्थिति में मुआवजा देना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि चैड़ीकरण से 9 लोग प्रभावित हो रहे है.

विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि लोगों की तकलीफ को देखते हुए मुआवजा लेकर सड़क चौड़ीकरण करना चाहिए. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि बृजमोहन अग्रवाल और कुलदीप जुनेजा प्रभावित लोगों से चर्चा कर रास्ता निकाले.

कस्टम मिलिंग का मुद्दा उठाया

भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में धान की कस्टम मिलिंग का मुद्दा उठाया. उन्होंने पूछा कि मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में कितने राइस मिल है. वर्ष 2019-20 और 2020-21 में कितने राइस मिलों को कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन दिया गया है.

इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जानकारी दी कि खरीफ वर्ष 2020-21 में मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में कस्टम मिलिंग के लिए 18 राइस मिल पंजीकृत है. कस्टम मिलिंग के लिए खरीफ वर्ष 2019 में 17 राइस मिल और खरीफ वर्ष 2020 में 18 राइस मिलों ने पंजीयन कराया है. पंजीकृत राइस मिलों के द्वारा खरीफ वर्ष 2019 में 79495 टन और खरीफ वर्ष 2020 21 में 23458 टन चावल कस्टम मिलिंग का जमा कराया गया है. राइस मिलों के द्वारा फ्री सेल के रूप में खरीफ वर्ष 2019 में 14063 रन और 2020-21 में 12013 टन चावल विक्रय किया गया है.

Richa Sahay

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