पांच चिताएं जलती देखकर आंख हुई नम, दर्दनाक हादसे के बाद गांव में नहीं जले चूल्हे

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मेरठ । समय शाम पांच बजे, मेरठ के रोहटा में गांव उकसिया का श्मशान घाट। जहां हर क्षण रुदन, चीख-पुकार व परिजनों के विलाप को सुन कर श्मशान घाट में उपस्थित हर किसी की आंख नम थी। गांव के शमशान घाट में एक साथ चार चिताएं जली तो परिजनों सहित गांव का हर शख्स चीख उठा। जबकि तीन वर्षीय विराट व किनौनी में कुसुम का अंतिम संस्कार अलग से किया गया।

लगभग चौबीस घंटे तक परिजनों ने पार्थिव शवों का इंतजार किया। पोस्टमार्टम के बाद दो गांव में छह शव गांव पहुंचे तो परिजन भीतर से टूट गए। आंखों से आंसुओं का सैलाब फूट पड़ा। ढांढस बंधाने के लिए गांव के बड़े बुजुर्ग आगे आए तो वह भी स्वयं को न रोक पाए। इन परिवारों को ढांढस बंधाने के लिए राजनीतिक लोग भी श्मशान गांव में पहुंचे।सड़क दुर्घटना में मारे गए तीन महिला व भाई-बहन व एक मासूम बच्चे को श्रद्धा सुमन भेंट किए।

सड़क दुर्घटना में मारे गए इन गांवों के लोगों को श्रद्धा सुमन भेंट करने के लिए बाजार बंद रहे। कोई भी दुकान किसी भी गांव में नहीं खुली। जहां तक कि महिलाओं ने चौका चूल्हा भी नहीं किया। गांव की प्रत्येक महिला मृतक परिवार के साथ सहानुभूति प्रकट करने के लिए उनके घरों में पहुंची थी। इस इस दौरान बेहद गमगीन माहौल हो गया और हर आंख नम थी। एक साथ जलती पांच चिताएं देखकर पूरे गांव में मातम छा गया और घरों में चूल्हे तक नहीं चले।

मृतक के परिवार वाले उस घड़ी को कोस रहे थे जब वह यहां से निकले थे। गांव में पांच मौत होने से मरघट सा सन्नाटा पसरा रहा और लोगों का हुजूम मृतक के घरों पर लगा रहा।देर शाम तक भारी भीड़ शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देती रही।

उकसिया गांव के जिन तीन परिवारों के लोग खोली मंदिर के दर्शन करने गए थे उन्होंने या उनके परिजनों ने सपनों में भी यह नहीं सोचा था कि यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी और भगवान के दर्शन करने की करके उसे खुश करने जा रहे लोग हमेशा के लिए भगवान के पास चले जाएंगे।

बेहद दर्दनाक हादसे में संतराम ने जहां पत्नी सनेश को खो दिया तो वहीं एकमात्र तीन साल के बेटे विराट को भी हादसे में भगवान ने छीन लिया। संतराम को एक साथ दो गहरे जख्म मिले। वहीं तो वहीं, प्रीति व उसका भाई नितिन पुत्र जयकरण को भी भगवान ने एक साथ समय छीन लिया।

इस तरह से किसी को बेटे किसी को पत्नी तो किसी को भाई का गम हमेशा के लिए मिल गया। यह बात सोच कर हर गांव वाला रो रहा था। परिवार वालों पर दुखों का पहाड़ टूटने के कारण परिजन बार-बार अपनों की लाश देखकर गश खाकर गिर रहे थे। जिन्हें गांव वालों से भी संभाला नहीं जा रहा था ज्यादातर गांव वालों की इन्हें संभालते हुए आंखें नम रही।

जन्मदिन से पहले दे गया जिंदगी भर का गम

पांच नवंबर को मासूम बच्चे विराट का जन्मदिन था, परिवार का इकलौता चिराग के जन्मदिन की तैयारी के साथ खुशियां संजोए थी। लेकिन इस काल का किसे पता था कि मासूम बच्चा अपने जन्मदिन से दो दिन पहले ही सबको छोड़कर चला जाएगा। वहीं, अब सनेश और विराट जन्मदिन से दिन पहले परिवार को जिंदगी भर का गम देकर चले गए जिसे शायद ही कोई परिजन भुला सके।

हालांकि इस दौरान कोई बडा नेता या जनप्रतिनिधि मृतकों के घर पर देर शाम तक भी नहीं पहुंचा था। इस दौरान भाजपा नेता सतेन्द्र भराला, जिलाध्यक्ष अनुज राठी, इंद्रपाल बजरंगी, बॉबी शर्मा, श्रवण शिवाच, विनोद चौधरी, नवाब सिंह लखवायाने पहुंचकर परिजनों को सांत्वना देते हुए प्रशासन से हर संभव आर्थिक सहायता दिलाने का भरोसा दिलाया। इसे लेकर ग्रामीणों ने भी एहसास हुआ और दुख जताया है। ग्रामीणों ने मृतक परिवारों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि वे दुख सुख की घड़ी में हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।

Richa Sahay

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