रायपुर । अफसरों और भूमाफिया के संगठित गिरोह का शिकार घर बनाने का सपना संजोने वाले आम उपभोक्ता हो रहे हैं । डायवर्टेड प्लॉट खरीदने के बाद भी नक्शा पास करवाते समय उन्हें अवैध प्लाटिंग वाला प्लाट बताकर लौटाया जा रहा है । अवैध प्लाटिंग करने और करवाने वालों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं होने से उनके हौसले और बुलंद हुए हैं ।शेष पड़े विज्ञापन के बाद…
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सत्यमेव जयते फाउंडेशन के प्रदेश संयोजक कन्हैया अग्रवाल एवं राजेश केडिया ने उक्त आशय का बयान जारी करते हुए कहा कि आम उपभोक्ता को जमीन के विक्रेता डायवर्टेड प्लाट बताकर दिखाते हैं, दस्तावेज देते हैं ,उस प्लाट की रजिस्ट्री पंजीयक करते हैं । प्लॉट की रजिस्ट्री करवा कर वही व्यक्ति अपना घर बनाने का सपना पूरा करने नक्शा पास करवाने आवेदन करता है तो उसे बताया जाता है कि प्लाट अवैध है ।
अग्रवाल ने कहा कि अवैध प्लाटिंग करने वालों के साथ पटवारी, आर आई ,डायवर्शन विभाग और पंजीयक सभी मिलकर जमीन क्रेता के साथ धोखाधड़ी करते हैं । शिकार क्रेता होता है और सारे गुनाहगार मालामाल हो रहे हैं । उन्होंने कहा कि अवैध प्लाटिंग होना अवैध प्लाट का विक्रय पंजीयन होने के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से आपराधिक कार्यवाही नहीं होने से भू-माफिया और उनके संरक्षण करता बेखौफ अपने कार्य को लगातार तेजी से कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अवैध प्लाटिंग करने वाले कितने लोगों के खिलाफ एफआइआर की गई कितने लोगों को सजा मिली है यह राजस्व विभाग और नगर निगम को स्पष्ट करना चाहिए ।
सत्यमेव जयते फाउंडेशन ने अवैध घरों और कालोनियों को नियमित किए जाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से निवेदन करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के हित में नियमितीकरण के लिए कानून लाने की आवश्यकता है ताकि वैध होते हुए भी अवैध के दंश झेलने से मुक्ति दिलाई जा सके । उल्लेखनीय है कि 05 वर्ष पूर्व भी सत्यमेव जयते फाउंडेशन के माध्यम से हमने अवैध घरों और कॉलोनियों को वैध कराने के लिए मैं वैध मेरा घर अवैध अभियान चलाया था ।