भगवान शिव को धतूरे के फूल, हरसिंगार, नागकेसर के सफेद फूल, सूखे कमल गट्टे, कनेर, कुसुम, आक, कुश आदि के फूल चढ़ाए जाते हैं. उन्हें कभी भी केवड़े का फूल और तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए.
भगवान विष्णु को कमल, मौलसिरी, जूही, कदम्ब, केवड़ा, चमेली, अशोक, मालती, वासंती, चंपा, वैजयंती के फूल बहुत प्रिय हैं. उन्हें फूलों के अलावा तुलसी दल अनिवार्य रूप से चढ़ाया जाता है.
धन की देवी मां लक्ष्मी का सबसे प्रिय पुष्प कमल है. इसके अलावा उन्हें लाल फूल, लाल गुलाब भी बहुत पसंद हैं.
गणपति को दुर्बा सबसे ज्यादा प्रिय है. फूलों की बात करें तो उन्हें लगभग सभी फूल चढ़ाए जा सकते हैं लेकिन शंकर जी की तरह इन्हें भी तुलसी दल कभी नहीं चढ़ाना चाहिए.
सूर्य देव की पूजा करते समय उन्हें कनेर, कमल, चंपा, पलाश, आक, अशोक आदि के फूल चढ़ाए जाते हैं.
भगवान श्री कृष्ण को कुमुद, करवरी, चणक, मालती, पलाश और वनमाला के फूल चढ़ाए जाते हैं.
शेर की सवारी करने वाली मां दुर्गा को लाल गुलाब या लाल अड़हुल के फूल चढ़ाना चाहिए.
विद्या की देवी मां सरस्वती को सफेद या पीले रंग के फूल चढ़ाए जाते हैं. वसंत पंचमी की पूजा के समय कपड़े भी पीले रंग के ही पहने जाते हैं.
Disclaimer : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. The 4th Pillar News इनकी पुष्टि नहीं करता है.