Thursday, November 21, 2024
HomeLifestyleदेवउठनी एकादशी 2024 - आप पर बरसेगी नारायण की कृपा, भगवान विष्णु...

देवउठनी एकादशी 2024 – आप पर बरसेगी नारायण की कृपा, भगवान विष्णु को लगाएं इन चीजों का भोग

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है खासतौर से कार्तिक माह में आने वाली देवउठनी एकादशी का। इसे सबसे बड़ी और प्रमुख एकादशी मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु चार माह के योग निद्रा से जागते हैं। बता दें कि आषाढ़ माह की देवशयनी एकादशी के दिन प्रभु नारायण चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इसी दिन से बंद हुए सभी मांगलिक और शुभ कार्य चार महीने बाद देवउठनी एकादशी के दिन से प्रारंभ होते हैं। इस साल 12 नवंबर 2024 को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

कहते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन देव जागते हैं। ऐसे में इस दिन व्रत कर विधिपूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है लेकिन इस दिन नारायण के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए। वहीं साल की सबसे बड़ी एकादशी यानी देवउठनी एकादशी के दिन विष्णु को इन चीजों का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

पंचामृत

भगवान विष्णु की पूजा पंचामृत के बिना अधूरी मानी जाती है। तो देवउठनी एकादशी के दिन विष्णु को पंचामृत अर्पित करना बिल्कुल भी न भूलें। पंचामृत दूध, दही, चीनी, घी और शहद को मिलाकर बनाया जाता है। आप चाहे तो पंचामृत में मेवे भी मिला सकते हैं।

पीले रंग की मिठाई या फल

विष्णु जी को पीला रंग अति प्रिय है। तो देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई और फल में केला अर्पित करें। एकादशी के दिन विष्णु जी को केले का भोग लगाने से गुरु दोष दूर होते हैं।

साबूदाना की खीर

देवउठनी एकादशी के भगवान विष्णु को साबूदाना का खीर भी अर्पित कर सकते हैं। साबूदाना की खीर चढ़ाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर का भंडार धन-धान्य से भरा रहता है।

फल

देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को फल में केला के अलावा अनार, सेब, सिंघाड़ा और गन्ना का भोग भी जरूर लगाएं। देवउठनी एकादशी के दिन विष्णु जी को गन्ना चढ़ाने का विशेष महत्व होता है।

Disclaimer : यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments