रायपुर । छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है।जिसके लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है। बता दें कि जिन शहरों में कोरोना के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। वहां लॉकडाउन लगने के भी संकेत मिल रहे हैं। राज्य सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कलेक्टरों को स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए लॉकडाउन के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार दे दिया है।
मुख्य मंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए कलेक्टरों को जानकारी दी है। जिसके अनुसार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उनसे टेलीफोनिक चर्चा कर लॉकडाउन करने का अनुरोध किया है। जिसके बाद सीएम ने ये निर्णय कलेक्टरों पर छोड़ दिया है।
आपको बता दें कि राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में जिला प्रशासन द्वारा रात में दुकानों को नहीं खोलने का आदेश जारी किया जा चुका है। जबकि कई अन्य जिलों में रात में कर्फ्यू लगाने का फैसला किया गया है। वहीं रायपुर में धारा 144 भी लागू है।
वैसे तो कुछ दिन पहले बिलासपुर में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि अब प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगाएंगे। लेकिन उन्होंने कहा था कि कोरोना संक्रमण पर अंकुश के लिए सरकार जरूरी कदम उठाएगी । इसलिए कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए सीएम ने निर्देश दिए हैं।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी प्रदेश में कोरोना के मामलों को लेकर भूपेश सरकार पर निशाना साधा । उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश में 24 घंटे के अंदर कोरोना के मामलों में छत्तीसगढ़ दूसरे नम्बर पर है लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार अभी भी लापरवाह है। पूर्व सीएम ने लिखा कि राज्य में इलाज के लिए कोई प्रबंध नहीं हैं.और स्थिति बगड़ती जा रही है। लेकिन सीएम बघेल को चुनाव प्रचार से फुरसत नहीं है।
देश में 24 घंटे के अंदर कोरोना के मामलों में छत्तीसगढ़ दूसरे नम्बर पर है लेकिन @INCChhattisgarh सरकार अभी भी लापरवाह है।
इलाज के कोई प्रबंध नहीं हैं, स्थिति बिगड़ती जा रही है।@bhupeshbaghel को चुनाव प्रचार से फुरसत नहीं है।
प्रदेश में केंद्रीय हस्तक्षेप बहुत जरूरी हो गया है। pic.twitter.com/qdtaNT1mwh
— Dr Raman Singh (@drramansingh) April 1, 2021
सभी जानते हैं कि पिछले साल कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था। गाड़ी वापस पटरी पर आने ही लगी थी कि एक बार फिर वही स्थिति पैदा हो रही है, जिससे आम जनता काफी परेशान हैं। पिछले साल दुनियाभर में फैली इस महामारी के कारण कई लोगों की नौकरियां चली गई और कई लाख बच्चे पढ़ाई का नुकसान झेल घर पर बैठे हैं।