मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति श्री दूधाधारी मठ द्वारा रायपुर के रावण भाटा टिकरापारा में आयोजित दशहरा उत्सव में शामिल हुए। रावण वध के पश्चात भगवान श्री बालाजी के आरती कार्यक्रम में भाग लेते हो पूजा अर्चना की और प्रदेश के समृद्धि व खुशहाली के लिए कामना की।मुख्यमंत्री बघेल ने दशहरा उत्सव में शामिल होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि श्री दूधाधारी मठ द्वारा आयोजित किया उत्सव छत्तीसगढ़ के सबसे प्राचीन दशहरा उत्सव में माना जाता है। इसके लिए उन्होंने संरक्षक राजेश्री महंत डॉक्टर रामसुंदर दास तथा अध्यक्ष मनोज वर्मा सहित पूरे आयोजन समिति की सराहना की।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व है।यह पर्व हमें अपने अहंकार तथा बुराई को समाप्त कर अच्छाई तथा सत्य की राह पर चलने की सीख देता है। जब तक हमारे समाज आसपास सदस्य में जो बुराई है वह समाप्त नहीं होंगी तब तक हम और हमारा समाज आगे नहीं बढ़ पाएगा। इसलिए समाज में अहंकार, बुराई तथा असत्य के प्रतीक रावण का नाश जरूरी है, तभी हम आगे बढ़ पाएंगे।
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि रावण भाटा में आयोजित दशहरा उत्सव की छत्तीसगढ़ के सबसे प्राचीन दशहरा उत्सव के रूप में विशिष्ट ख्याति और पहचान है। अभी कोरोना संक्रमण के दौर में भी नियमों का पालन करते हुए परंपरागत रूप से दशहरा उत्सव के आयोजन के लिए उन्होंने श्री दूधाधारी मठ और समिति की सराहना की। साथ यह भी बताया कि राजधानी रायपुर में नागपुर के भोंसले वंश के शासक श्री रघु राव जी भोसले द्वारा संवत 1610 अर्थात सन 1554 में श्री दूधाधारी मठ की स्थापना की गई थी।तब से लेकर अब तक यहां दशहरा उत्सव उत्साह के साथ मनाया जाता है।
दशहरा उत्सव कार्यक्रम को विधायक बृजमोहन अग्रवाल तथा नगर पालिक निगम रायपुर के महापौर एजाज देवर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर नगर पालिक निगम रायपुर के सभापति प्रमोद दुबे, पार्षद सतनाम पनाग, समीर अख्तर, सरिता वर्मा, चंद्रशेखर शुक्ला, प्रभात मिश्रा, सुशील ओझा, पुनीत देवांगन आदि उपस्थित रहे।