छत्तीसगढ़ के लोगों को लेकर कहा जाता है यहां हरी सब्जियों ज्यादा खाते हैं। यही कारण है कि यहां हरी सब्जियों की खेती और स्वाद दोनों की अपनी एक खास पहचान है। आमतौर पर किसी भी जगह के लोगों के लिए खाना वहां की प्रकृति और उस जगह पर होने वाली खेती पर अधिक निर्भर होता है। छत्तीसगढ़ में खेती की अपनी एक अलग पहचान है। इसी वजह से यहां सब्जियों का अपना एक चलन है।
बोहार भाजी
छत्तीसगढ़ में इन्हीं में सबसे ज्यादा पॉपुलर सब्जी ‘बोहार भाजी’ की है। साल में यह केवल कुछ महीनों के लिए ही उपलब्ध होती है। बोहार भाजी अपने खास स्वाद के लिए डिमांड में रहती है। इसका स्वाद इतना लज़ीज होता है कि इसके लिए लोग महंगी मिलने वाली बोहार भाजी को खरीदने से बिल्कुल भी नहीं घबराते हैं। बोहार भाजी की कीमत करीब 400 रुपये प्रति किलोग्राम है। पनीर और चिकन से भी महंगी इस सब्जी की मांग यहां ज्यादा होती हैं।यहां के लोगों को बोहार भाजी के कई तरह व्यंजन बनाने आते हैं।
भाजी तोड़ने का खास अनुभव
बोहार भाजी तोड़ने के लिए चाहिए खास अनुभव छत्तीसगढ़ के लोगों को बोहार भाजी मार्च से मई महीने में ही खाने के लिए मिलता है। यह पेड़ पर उगने वाली एक तरह की सब्जी है। इस सीज़न में फूल बनने से पहले छोटे व मुलायम कलियां और मुलायम पत्ते होते हैं। पेड़ के पतली शाखाओं से इन कलियों को तोड़ना मुश्किल भी होता है। इसे तोड़ने के लिए खास तरीके और अनुभव की जरूरत होती है।
दूसरे राज्यों में इस नाम से जाना जाता है बोहार भाजी केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि बोहार भाजी देश के अन्य राज्यों में भी पायी जाती है। कई राज्यों में इसे लासोड़ा, गुंदा, भोकर आदि नाम से भी पहचाना जाता है। बोहार का बॉटनिकल नाम कोर्डिया डाइकोटोमा होता है। अंगरेज़ी में इसे बर्ड लाइम ट्री, इंडियन बेरी या ग्लू बेरी के नाम भी पहचाना जाता है।
इमली डालकर बनती है खट्टी सब्जी
भारत में कई जगहों पर बोहार का अचार भी बनाया जात है। लेकिन, बोहार भाजी खाने का चलन सिर्फ छत्तीसगढ़ में है। यहां इमली के साथ बोहार भाजी की खट्टी सब्जी बनाते जाती है।