पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व महाप्रबंधक एवं वर्तमान संयुक्त आयुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अशोक चतुर्वेदी को मिली हाईकोर्ट से बड़ी राहत

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बिलासपुर। एसीबी और ईओडब्ल्यू की जांच का सामना कर रहे पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व महाप्रबंधक एवं वर्तमान संयुक्त आयुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अशोक चतुर्वेदी को हाइकोर्ट से पुनः बड़ी राहत मिली है।

जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय जस्टिज संजय के अग्रवाल के समक्ष याचिकाकर्ता अशोक चतुर्वेदी ने wpcr 273/2020 एवं wpcr 274/2020 के माध्यम से उनके ऊपर eow एवं एसीबी के द्वारा की गई fir 16/2020 एवं 19/2020 को चुनौती दी थी। याचिका में एक अंतरिम राहत के लिए आवेदन पेश किया गया था, जिसमें यह मांग की गई थी कि चूंकि माननीय न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ता को 30/06/2020 के माध्यम से राहत प्रदान की गई थी। इसी बीच याचिकाकर्ता को ज्ञात हुआ कि राज्य अन्वेषण ब्यूरो द्वारा इनके मामले में चार्जशीट पेश की जा सकती है, जिसे बिना न्यायालय की अनुमति के पेश ना किया जाए।

आवेदन की सुनवाई हाईकोर्ट में 5 अप्रैल 2020 को हुई थी, जिसपर याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर अधिवक्ता किशोर श्रीवास्तव, अधिवक्ता आशुतोष पाण्डेय, शशांक ठाकुर, ए. व्ही. श्रीधर एवं हिमांशु सिन्हा ने की पैरवी की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि चूंकि उपरोक्त दोनों मामलों की कानूनी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए माननीय न्यायालय द्वारा 30/06/2020 को याचिकाकर्ता को राहत प्रदान की थी और यदि ऐसी स्थिति में राज्य आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो द्वारा चालान प्रस्तुत कर दिया गया तो मामले में पुनः याचिकाकर्ता को न्यायालय के समक्ष चुनौती देना पड़ेगा, जिससे न्यायालय में मामले की संख्या में वृद्धि होगी।

राज्य सरकार की ओर से स्वयं महाधिवक्ता एवं अधिवक्ता चंद्रेश श्रीवास्तव द्वारा उपरोक्त आवेदन पर आपत्ति दर्ज कराई गई। उपरोक्त आवेदन पर आज 12 अप्रैल 2021 को उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को राहत प्रदान करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया गया कि मामले में बिना न्यायालय के अनुमति के चालान पेश ना किया जाए तथा मामले की अंतिम सुनवाई 03 मई 2021 को की जाएगी तथा याचिकाकर्ता को मामले में उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 11 अगस्त 2020 को पालन के लिए निर्देश दिया गया है।

Richa Sahay

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