Pishach Yog 2025: पिशाच योग क्या है और क्यों है ये डरावना? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब राहु और शनि एक विशेष संबंध में आते हैं, जैसे कि एक-दूसरे पर दृष्टि डालना या साथ बैठ जाना, तब बनता है पिशाच योग (Pishach Yog). यह योग नकारात्मक ऊर्जा, मानसिक भ्रम, भय, बेचैनी और दुर्भाग्य का प्रतीक होता है. इसे ऐसा योग माना गया है जो व्यक्ति को आत्मिक और सामाजिक रूप से परेशान करता है.
पिशाच योग 2025 में कब से कब तक रहेगा प्रभाव ?
29 मार्च 2025 से 18 मई 2025 तक, यह समय राहु और शनि के एक विशिष्ट दृष्टि संबंध के कारण बन रहा है. यह लगभग 50 दिनों तक चलेगा, जो कई राशियों के लिए कष्टप्रद हो सकता है.
कौन-कौन सी राशियां झेल रही हैं अग्नि परीक्षा ?
1. वृषभ (Taurus): वृषभ राशि पर पिशाच योग का प्रभाव बहुत ही गंभीर और चुनौतीपूर्ण रहने वाला है. यह योग आपके जीवन को मानसिक और आर्थिक दोनों तरह से प्रभावित कर सकता है.
आर्थिक संकट: अचानक धन की कमी महसूस होगी और निवेश में भारी नुकसान हो सकता है.
स्वास्थ्य समस्या: नींद न आने, मानसिक थकान और तनाव की समस्या बढ़ेगी.
सामाजिक और पारिवारिक जीवन: घर में अशांति और पारिवारिक विवादों का सामना करना पड़ सकता है.
उपाय: शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे 108 बार ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ का जाप करें. हल्दी, चने, तिल का दान करें.
2. मकर (Capricorn): मकर राशि के लिए यह समय बेहद कठिन है. शनि और राहु के मिलकर प्रभाव से जीवन में उलझनें और संकट बढ़ सकते हैं.
करियर संकट: कार्यक्षेत्र में कोई नया प्रस्ताव रुक सकता है, प्रमोशन में देरी हो सकती है, और नौकरी में भी असंतोष रहेगा.
व्यक्तिगत जीवन: पारिवारिक जीवन में तनाव, रिश्तों में विवाद हो सकता है.
मनोकामनाएं अधूरी: आप जो भी योजना बनाएंगे, वे आधी अधूरी रह सकती हैं.
उपाय: शनिवार को काले तिल का दान करें, हनुमान चालीसा का पाठ नियमित करें, और रुद्राभिषेक करवाएं.
3. कुंभ (Aquarius): कुंभ राशि के जातकों के लिए पिशाच योग एक बड़ी मानसिक परीक्षा साबित हो सकता है.
आध्यात्मिक संकट: आत्मविश्वास की कमी और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ेगा.
स्वास्थ्य समस्याएं: शरीर में थकान और मानसिक अवसाद की समस्या बढ़ेगी.
रिश्तों में विघटन: जीवनसाथी और परिवार में मतभेद, रिश्तों में कड़वाहट आएगी.
उपाय: मंगलवार और शनिवार को नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करें, पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सच्चे मन से हनुमानजी की पूजा करें.
4. कर्क (Cancer): पिशाच योग का कर्क राशि पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा. हालांकि यह असर उतना गंभीर नहीं होगा, लेकिन कुछ मानसिक अशांति और जीवन में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है.
व्यक्तिगत जीवन: रिश्तों में तनाव हो सकता है, और परिवार के साथ समय बिताने में दिक्कतें आएंगी.
व्यापार में परेशानियां: व्यापार में लाभ की बजाय कुछ नुकसान हो सकता है.
उपाय: शनि मंत्र का जाप करें और घर में सफाई रखें, विशेषकर काले रंग के कपड़े पहनने से बचें.
5. सिंह (Leo): सिंह राशि वालों के लिए पिशाच योग एक प्रकार का चेतावनी है. यह समय आपके लिए पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन में तनाव का हो सकता है.
पारिवारिक जीवन में संघर्ष: परिवार में किसी सदस्य से मतभेद हो सकते हैं.
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: मानसिक दबाव के कारण शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है.
उपाय: नियमित रूप से सूर्य देव को जल अर्पित करें और हनुमान जी की पूजा करें. काले तिल का दान करना शुभ रहेगा.
6. वृश्चिक (Scorpio): वृश्चिक राशि पर पिशाच योग के दौरान चुनौतियां बढ़ सकती हैं, खासकर आत्मविश्वास में कमी आ सकती है.
व्यापार में हानि: व्यापारी वर्ग के लिए यह समय नुकसान का हो सकता है.
सामाजिक जीवन: लोगों के साथ विश्वास की कमी और अनावश्यक बहसें हो सकती हैं.
उपाय: किसी भी तरह के विवाद से बचें और प्रतिदिन रुद्राक्ष धारण करें. मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें.
पिशाच योग के लक्षण क्या हैं ?
- लगातार डरावने सपने
- अज्ञात भय और बेचैनी
- आर्थिक नुकसान
- नींद की कमी, सिरदर्द
- अचानक गुस्सा या अवसाद
पिशाच योग से बचने के अचूक उपाय
1. शनि और राहु को शांत करें:
शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल और लोहे का दान करें
‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ और ‘ॐ रां राहवे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें, पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं
2. हनुमान आराधना करें:
मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ें
बजरंग बाण का पाठ करें, बंदरों और कुत्तों को भोजन कराएं
3. महामृत्युंजय जाप और शिव पूजन:
प्रतिदिन 108 बार ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…’ मंत्र जाप करें, शिवलिंग पर जल, बेलपत्र चढ़ाएं
क्या आपकी कुंडली में भी है पिशाच योग ?
अगर आपकी कुंडली में राहु-शनि एक साथ हैं, या दृष्टि में हैं, तो ये योग लंबे समय तक असर कर सकता है. ऐसे लोगों को विशेष उपाय करने चाहिए और योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए. 29 मार्च से शुरू हुई यह अग्नि परीक्षा 18 मई तक चलेगी. खासकर वृषभ, मकर और कुंभ राशियों को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर अधिक सावधानी बरतनी होगी. उचित उपायों और नियमित पूजा से इस योग को काफी हद तक सामान्य बनाया जा सकता है.