छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में सोमवार को धान के खेत में एक हाथी मृत पाया गया। इससे पहले रविवार को बम विस्फोट में हाथी का बच्चा घायल हो गया था। एक वन अधिकारी ने बताया कि नर हाथी का शव सोमवार सुबह वाड्राफनगर वन रेंज के अंतर्गत मुरका गांव में बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि हाथी छह हाथियों के झुंड का हिस्सा था, जो पिछले कुछ दिनों से इलाके में घूम रहा था। अधिकारी ने बताया कि सुबह इसकी सूचना मिलने के बाद वनकर्मी मौके पर पहुंचे और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की।
उन्होंने बताया कि मौत के पीछे का सही कारण जानने के लिए जांच चल रही है। जांच के बाद ही जानकारी मिल सकेगी कि हाथी की मौत करंट लगने से हुई या इसका कोई अन्य कारण हो सकता है। राज्य के रायगढ़ जिले के एक वन क्षेत्र में 26 अक्टूबर को एक शावक सहित तीन हाथियों की करंट लगने से मौत हो गई थी। एक नवंबर को बिलासपुर जिले में एक हाथी के शावक की करंट लगने से मौत हो गई थी।
अधिकारियों ने पहले बताया था कि छत्तीसगढ़ में पिछले छह सालों में करीब 80 हाथियों की मौत हुई है, जिसकी वजह बीमारी और उम्र से लेकर बिजली का करंट तक है। राज्य के उत्तरी हिस्से में मानव-हाथी संघर्ष पिछले एक दशक से चिंता का प्रमुख कारण रहा है। मुख्य रूप से सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर और बलरामपुर जिले इस खतरे का सामना कर रहे हैं।
गरियाबंद जिले के उदंती-सीतानदी बाघ अभयारण्य (यूएसटीआर) में एक संदिग्ध देसी बम विस्फोट में हाथी का एक बच्चा घायल हो गया। यूएसटीआर के उप निदेशक वरुण जैन ने बताया कि हाथी का यह बच्चा सीतानदी वन क्षेत्र के सतलोर इलाके में घूम रहे 38-40 हाथियों के झुंड का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि सात नवंबर को वन अधिकारियों को उस इलाके में खून के धब्बे मिलने की सूचना प्राप्त हुई, जहां हाथियों का झुंड घूम रहा था। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान खून के धब्बों के अलावा मौके पर पोटाश बम के टुकड़े भी बिखरे मिले।
उन्होंने बताया कि अगले दिन, घायल जंगली जानवर का पता लगाने के लिए शिकार रोधी दल और एक श्वान दस्ते को जंगल में तैनात किया गया। उन्होंने बताया कि रविवार को वनकर्मियों ने ड्रोन की मदद से घायल हाथी का पता लगाया। उन्होंने बताया कि ड्रोन से ली गई तस्वीरों में हाथी के बच्चे का जबड़ा सूजा हुआ और पैर में चोट के निशान दिखाई दिये। वन अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि संभवत: हाथी का बच्चा तब घायल हुआ, जब उसने पोटाश बम खाने की कोशिश की जिससे बम फट गया होगा।
उन्होंने बताया कि हालांकि, अभी यह पता लगाया जाना है कि क्या बम शिकारियों ने हाथियों या जंगली सूअरों को निशाना बनाने के लिए लगाया था। उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सक घायल हाथी का इलाज शुरू कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत में हम हाथी के बच्चे को खाने में दवाई मिलाकर खिलाएंगे, लेकिन अगर चोट गंभीर पाई गई तो हम उसे बेहोश करेंगे और उसे करीब एक महीने के लिए एक शिविर में भेज देंगे। इस बीच, वन विभाग ने बम लगाने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 10,000 रुपये इनाम देने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस थाने में एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है।