आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी के विरोध में गुरूवार 16 जनवरी को सुकमा बंद है। यह बंद कांग्रेस द्वारा बुलाया गया है। इसका असर सुबह से देखा भी जा रहा है। यहां दुकानों पर ताले लगे है तो वहीं सड़कों पर भी आवाजाही बंद है ।
जिला कांग्रेस ने एक दिवसीय सुकमा बंद का आह्वान किया है। सुबह से व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर में नारेबाजी करते हुए लखमा की गिरफ्तारी पर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं ।
कल हुई थी कवासी लखमा की गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को 15 जनवरी को ED ने तीसरी पूछताछ के लिए बुलाया था । जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था।
सात दिन की मिली रिमांड
जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट सुनवाई के बाद कवासी लखमा को 22 जनवरी तक के लिए रिमांड में भेज दिया है।बता दें कि, इस मामले में लखमा के बेटे हरीश को भी आरोपी बनाया है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है।
साल 2019 में उजागर हुआ था मामला
ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान साल 2019 से 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती थी, जिसके चलते छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। उस दौरान शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम भी लगाया जाता था, ताकि वह किसी की पकड़ में न आ सके। इस होलोग्राम को बनाने के लिए घोटाले में संलिप्त लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राफी का काम करने वाली PHSE (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी को टेंडर दिया था।
नियमों में बदलाव कर दिया टेंडर
ईडी ने अपनी जांच के बाद यह बताया है कि यह कंपनी होलोग्राम बनाने के लिए पात्र नहीं थी, फिर भी नियमों में बदलाव कर उसी कंपनी को टेंडर दे दिया गया था। ईडी के टेंडर दिलाने के एवज में कंपनी के मालिक से भारी कमीशन लिया गया था। यह जानकारी सामने आने के बाद जब कंपनी के मालिक विधु गुप्ता को ईडी ने गिरफ्तार किया तो उसने कांग्रेस सरकार में CSMCL में एमडी अरुणपति त्रिपाठी, बिजनेसमैन अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा का नाम लिया।
बीते साल आया था कवासी लखमा का नाम
ED ने जब इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो मामले में और भी खुलासे होने लगे। इसके बाद साल 2024 के अंत में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम सामने आया। सूत्रों के मुताबिक, ED की जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी (प्रोसीड ऑफ क्राइम) से हर महीने कमीशन मिलाता था।