गेमिंग कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से आज बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जीएसटी डिपार्टमेंट की ओर से जारी किए गए 1.12 लाख करोड़ रुपये के अधिक के नोटिस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट से मिले इस राहत के बाद स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड गेमिंग कंपनियों के शेयर्स रॉकेट बन गए.
जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की दो जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए मामले पर अगली सुनवाई के लिए 18 मार्च 2025 की तारीख तय की है. जीएसटी नोटिस पर स्टे लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डेल्टा कॉर्प के स्टॉक में जोरदार तेजी आ गई स्टॉक 15 फीसदी से ज्यादा के उछाल के साथ 131.20 रुपये पर जा पहुंचा जो पिछले ट्रेडिंग सेशन में 113 रुपये पर क्लोज हुआ था. नजारा टेक्नोलॉजीज के शेयरों में भी जोरदार उछाल आया और शेयर 1077 रुपये पर जा पहुंचा. नजारा के शेयर में 8.78 फीसदी की तेजी देखने को मिली. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद लिस्टेड कंपनियों के अलावा दूसरी गेमिंग कंपनियों गेम्सक्रॉफ्ट और Games 24×7 को भी राहत मिली है. गेम्स 24×7, हेड डिजिटल वर्क्स, फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसी कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ने जीएसटी लगाए जाने को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था
जीएसटी डिपार्टमेंट ने इन गेमिंग कंपनियों को टैक्स डिमांड को लेकर जो नोटिस थमाया था, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने से लेकर आखिरी फैसले के आने तक डिपार्टमेंट अब कोई फिलहाल कार्रवाई नहीं कर सकेगा. जीएसटी विभाग से कोर्ट में पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमन ने कहा कि कुछ कारण बताओ नोटिसों की अवधि फरवरी में समाप्त हो जाएगी.
अक्टूबर 2023 में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर 1.12 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए थे. सरकार ने जीएसटी कानून में संशोधन भी किया था, जिससे विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए 1 अक्टूबर, 2023 से भारत में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी कर दिया गया. अगस्त 2023 में जीएसटी काउंसिल ने साफ किया था कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर लगाए गए दांव के पूरे मूल्य पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा. गेमिंग कंपनियों ने इसके खिलाफ अलग-अलग हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल केंद्र सरकार की याचिका स्वीकार कर ली थी और ई-गेमिंग कंपनियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने को चुनौती देते हुए नौ हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं को अपने पास ट्रांसफर कर लिया था.