छत्तीसगढ़ सरकार ने नई एंटी नक्सल नीति में विस्तार किया है। बीजेपी की राज्य सरकार सरेंडर करने वाले नक्सलियों की सुविधाओं को बढ़ाने जा रही है।गृहमंत्री विजय शर्मा ने बस्तर में नक्सल नीति को लेकर बात करते हुए बताया अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों को हर माह 10 हजार की राशि दी जाएगी। साथ ही रहने के लिए जमीन, मकान और रोजगार से जुड़े संसाधन भी दिए जाएंगे। सरकार का प्लान है कि घर जमीन के साथ ही नक्सलियों को खास ट्रेनिंग भी दी जाएगी। जिससे उन्हें रोजगार हासिल करने में आसानी हो। नई नीति के तहत नक्सलियों पर जो इनाम की राशि होती है वो भी नक्सलियों को दी जाएगी। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को रखने के लिए पांच जिलों में भवन बन रहे हैं। शर्मा ने बताया नक्सलवाद को कम करने के लिए कई आयामों पर काम हो रहे हैं।
15 दिसंबर को छत्तीसगढ़ दौरे पर आए देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले एक साल में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। राज्य में पिछले एक साल में 287 नक्सलियों को मार गिराया गया, करीब 1,000 को गिरफ्तार किया गया और करीब 837 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। यह आंकड़े नक्सलवाद के खिलाफ आई तेजी को दिखाते हैं। शाह ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार नक्सल खात्मे को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।शाह ने कहा कि 31 मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म कर देंगे।
सरकार एक भी गोली नहीं चलाना चाहती
डिप्टी सीएम उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि एक आयाम जिसकी चर्चा ज्यादा होती है वो है ऑपरेशन। सरेंडर कर रहे नक्सलियों को जमीन दी जा रहाी है।पीएम आवास दिया जाएगा।उनपर जो इनाम है उसका पैसा भी उन्ही को दिया जाएगा।बस्तर के पांच जिलों में भवन तैयार हैं, जहां सरेंडर नक्सलियों को रख कर स्किल डेवलपमेंट किए जाएंगे। नक्सल पीड़ित और प्रभावितों के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। लोग नक्सली न बनें, इसके लिए भी युवाओं को जागरुक किया जा रहा है। सरकार एक भी गोली नहीं चलाना चाहती। नक्सली मुख्यधारा में वापस लौटें।बस्तर के विकास में योगदान सुनिश्चित किया जा रहा।