रायपुर । देश के संविधान को अपनाने के आज 75 वर्ष पूरे हो गए। इस अवसर पर देशभर में राष्ट्रव्यापी पदयात्रा के साथ ही कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। सीएम विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी है। सीएम ने कहा “संविधान लोकतंत्र की आत्मा और भारत की एकता का मूल आधार है। सभी प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। भारतीय संविधान के शिल्पी बाबासाहेब अंबेडकर जी व संविधान सभा के सभी सदस्यों को सादर नमन।
संविधान दिवस पर रायुपर में पदयात्रा
संविधान दिवस पर प्रदेशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पदयात्रा का आयोजन किया गया है। कलेक्ट्रेट परिसर से अंबेडकर चौक तक पदयात्रा निकाली जा रही है।इस पदयात्रा में सीएम विष्णुदेव साय शामिल हुए हैं। सीएम साय की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मेडिकल कॉलेज से अंबेडकर चौक तक पदयात्रा
कार्यक्रम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, खेल मंत्री टंकराम वर्मा सहित पूरी कैबिनट और विधायक मौजूद हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में सबसे पहले खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने संविधान दिवस के बारे में मौजूद लोगों को बताया। इसके बाद मंत्री केदार कश्यप ने संविधान की महत्वपूर्ण बातों का जिक्र करते हुए भीमराम अंबेडकर को नमन किया।
सीएम विष्णुदेव साय ने संविधान दिवस पदयात्रा कार्यक्रम में कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। लेकिन आज भी कई ऐसे लोग है जो संविधान और संवैधानिक अधिकार के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं।संविधान दिवस का ये कार्यक्रम साल भर चलेगा जिसमें सभी को इसके बारे में बताया जाएगा। सीएम ने कहा कि हमारे संविधान की नींव हमारी विरासत पर टकी है। इस बात को समझकर ही हम राजनैतिक परंपरा में सांस्कृतिक मूल्यों को समझ पाएंगे। संविधान में भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के साथ आगे बढ़ना है।
संविधान दिवस कार्यक्रम में सीएम साय का कांग्रेस पर हमला
सीएम ने संविधान दिवस कार्यक्रम में कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कश्मीर में धारा 377 हटाने पर, तीन तलाक हटाने के मामले में संविधान खतरे में होने का हल्ला करने का आरोप लगाया। सीएम ने कहा कि देश के लिए संविधान सर्वोच्च है. भाजपा की सरकार ने संविधान के साथ साथ संविधान निर्माता की भावनाओं के प्रति सम्मान जताया।
सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 11 महीने में सुशासन की स्थापना सर्वोच्च प्राथमिक्ता में रखी। बस्तर में लोकतंत्र को बचाने नियद नेल्लानार योजना चलाई जा रहा है। बस्तर के दुर्गम क्षेत्र के लोगों को देश की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया जा रहा है। जन जन तक संवैधानिक अधिकार पहुंचाया जा रहा है।