विकास के ‘भगीरथ’ बने विधायक डॉ. सम्पत अग्रवाल,बसना में सुशासन के दो स्वर्णिम वर्ष
सेवा का रिपोर्ट कार्ड: बसना के सुनहरे भविष्य की मजबूत नींव विधायक डॉ संपत अग्रवाल के साथ

बसना । छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर जब सेवा का संकल्प और सुशासन की शक्ति मिलती है, तो बसना जैसा ‘विकास का मॉडल’ तैयार होता है। आज बसना विधानसभा क्षेत्र केवल एक भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि विधायक डॉ. सम्पत अग्रवाल के विजन से उपजी प्रगति की एक नई इबारत है। संघ के संस्कारों से सिंचित और अंत्योदय के मंत्र को आत्मसात करने वाले विधायक डॉ. अग्रवाल ने पिछले दो वर्षों में राजनीति की परिभाषा को ‘सत्ता’ से बदलकर ‘सच्ची जनसेवा’ कर दिया है।
अधोसंरचना का पुनर्जागरण: ‘गौरव पथ’ से वैश्विक पहचान
विधायक डॉ. सम्पत अग्रवाल ने बसना की जर्जर सड़कों को केवल सुधारा नहीं, बल्कि उन्हें आधुनिकता का चोला पहनाया है।
नगर की लाइफलाइन : 29 करोड़ रुपये की लागत से बना 3.15 किमी लंबा ‘गौरव पथ’ आज बसना के आत्मसम्मान का प्रतीक है। हाईटेक ड्रेनेज, आकर्षक डिवाइडर और दूधिया रोशनी वाली हाईमास्क लाइटों ने शहर को महानगरों जैसी भव्यता प्रदान की है।
ग्रामीण कनेक्टिविटी : शहर ही नहीं, गांवों की धमनियों को भी मजबूती मिली है। सल्डीह-बहादुरपुर मार्ग (14.30 करोड़) और भीखापाली-रामपुर-भटगांव मार्ग (11.09 करोड़) की स्वीकृति ने सुदूर अंचलों के विकास के द्वार खोल दिए हैं।
पर्यावरण और आस्था का संगम: जूना तालाब और सांस्कृतिक उत्थान
विधायक डॉ. अग्रवाल के लिए विकास केवल कंक्रीट का ढांचा नहीं, बल्कि प्रकृति और संस्कृति का संरक्षण भी है।
अमृत सरोवर की परिकल्पना : दशकों से उपेक्षित ‘जूना तालाब’ को 2.82 करोड़ रुपये के आधुनिक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के जरिए नया जीवन दिया जा रहा है।
आध्यात्मिक गौरव : नीलांचल सेवा समिति के माध्यम से तरेकेला की प्राचीन कबीर कुटी, समलेश्वरी मंदिर और जगन्नाथ मंदिर का कायाकल्प उनकी अटूट आस्था का प्रमाण है। अयोध्या राम मंदिर हेतु उनका समर्पण जन-जन के लिए प्रेरणा बना।
शिक्षा और स्वास्थ्य: सशक्त युवा, समृद्ध बसना
स्वस्थ शरीर और शिक्षित मस्तिष्क ही राष्ट्र की पूंजी है—इस ध्येय को धरातल पर उतारते हुए विधायक जी ने अभूतपूर्व कार्य किए हैं:
शैक्षणिक क्रांति : पिरदा में शासकीय महाविद्यालय (4.64 करोड़) और लाखागढ़ में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय (3 करोड़) का निर्माण शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर है।
खेल प्रतिभाओं को पंख : 500 से अधिक क्रिकेट टीमों को किट वितरण और कराटे-कबड्डी के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय मंच तक पहुँचाने के लिए आर्थिक संबल प्रदान करना उनकी प्राथमिकता रही है।
न्यायिक सुदृढ़ीकरण : बसना और पिथौरा में लगभग 12 करोड़ की लागत से नवीन न्यायालय भवनों की स्वीकृति ने आम जन के लिए न्याय की राह सुगम की है।
संघ के संस्कारों से जनसेवा का संकल्प
विधायक डॉ. सम्पत अग्रवाल का जीवन राष्ट्रवाद और अंत्योदय की भावना से ओत-प्रोत है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मूल्यों को आधार मानकर उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। उनका मानना है कि दीनदयाल उपाध्याय जी के ‘अंतिम व्यक्ति के उदय’ का सपना तभी साकार होगा, जब विकास की किरणें गांव के अंतिम छोर तक पहुंचेंगी। इसी उद्देश्य के साथ उन्होंने ‘नीलांचल सेवा समिति’ के माध्यम से राजनीति में आने से पूर्व ही सेवा का विशाल साम्राज्य खड़ा किया।
नीलांचल सेवा समिति: राजनीति से परे मानवता का साम्राज्य
विधायक डॉ. सम्पत अग्रवाल की पहचान एक विधायक से कहीं बढ़कर एक ‘मसीहा’ के रूप में है। उनकी ‘नीलांचल सेवा समिति’ 60 हजार से अधिक परिवारों के लिए सुरक्षा कवच बनी हुई है।
कोविड काल का संघर्ष : 3000 से अधिक मरीजों की प्रत्यक्ष सहायता और हजारों को निःशुल्क इलाज सुनिश्चित कराना उनकी संवेदनशीलता की पराकाष्ठा है।
निःशुल्क एंबुलेंस सेवा : क्षेत्र के किसी भी कोने में आपात स्थिति हो, नीलांचल की एंबुलेंस सेवा सदैव ढाल बनकर खड़ी रहती है।
सम्मान जो सेवा को मिला…
उनकी इसी निस्वार्थ साधना का प्रतिफल है कि नियोफिनी विश्वविद्यालय ने उन्हें ‘राजनीति विज्ञान’ में डॉक्टरेट की मानद उपाधि और स्वर्ण पदक से अलंकृत किया है। यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि पूरे बसना की जनता के विश्वास का सम्मान है।
विकसित भारत का विकसित बसना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को विधायक डॉ. सम्पत अग्रवाल बसना की गलियों में चरितार्थ कर रहे हैं। आयुष्मान कार्ड हो या उज्ज्वला योजना, अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक शासन की योजनाओं को पहुँचाना उनकी कार्यशैली का मुख्य हिस्सा है।
विधायक डॉ. सम्पत अग्रवाल का संकल्प स्पष्ट है , उनका कहना है मेरा लक्ष्य बसना को छत्तीसगढ़ का आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाना है, जहाँ हर युवा के पास काम हो, हर खेत में पानी हो और हर चेहरे पर मुस्कान हो।



