CG वायरल वीडियो की भारी डिमांड: टेलीग्राम के गुप्त ग्रुप्स में मोटी कीमत पर बिक रहे हैं छत्तीसगढ़ी जोड़ों के वीडियो
छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी का नया हथकंडा: ‘19 मिनट 34 सेकेंड’ वीडियो के नाम पर टेलीग्राम पर अश्लील कंटेंट की कालाबाज़ारी।

रायपुर, 18 दिसंबर 2025 — छत्तीसगढ़ में इन दिनों एक कथित ‘19 मिनट 34 सेकेंड’ के वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर भारी हलचल मची हुई है। इंस्टाग्राम, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर इस वीडियो की तलाश में युवा वर्ग सक्रिय है। इसी डिमांड का फायदा उठाकर साइबर अपराधियों और अश्लील वीडियो के दलालों ने टेलीग्राम पर एक संगठित काला बाज़ार खड़ा कर दिया है, जहां 100 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक में प्राइवेट वीडियो बेचे जा रहे हैं।
टेलीग्राम पर अश्लील वीडियो का गोरखधंधा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टेलीग्राम पर सक्रिय दलाल विभिन्न राज्यों — विशेषकर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बंगाल, दिल्ली, पंजाब और बिहार — के कपल्स के प्राइवेट मोमेंट्स के वीडियो बेचने का दावा कर रहे हैं। ग्राहक की मांग के अनुसार, उम्र, क्षेत्र और वीडियो की अवधि के आधार पर कैटलॉग तैयार किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ी कपल के वीडियो की मांग सबसे अधिक बताई जा रही है, जिससे राज्य में चिंता का माहौल है।
लीक वीडियो या एआई का छलावा?
विशेषज्ञों का मानना है कि इनमें से कई वीडियो निजी मोबाइल डेटा लीक या हैकिंग के जरिए सार्वजनिक हुए हैं। हालांकि, हरियाणा पुलिस और साइबर विशेषज्ञों ने हाल ही में चेतावनी दी है कि इंटरनेट पर वायरल हो रहे कई वीडियो पूरी तरह से एआई-जनरेटेड या डीपफेक हो सकते हैं। यानी इनमें असली लोगों के चेहरों को कृत्रिम रूप से अश्लील क्लिप्स पर चिपकाया गया है, जो न केवल झूठे हैं बल्कि गंभीर साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं।
साइबर ठगी का बढ़ता खतरा
रायपुर साइबर सेल ने नागरिकों को आगाह किया है कि ऐसे वीडियो की तलाश में किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करना भारी पड़ सकता है। कई मामलों में लोग वीडियो डाउनलोड करने के चक्कर में अपने मोबाइल में मैलवेयर इंस्टॉल कर लेते हैं, जिससे उनकी बैंकिंग जानकारी, पासवर्ड और निजी डेटा चोरी हो सकता है।
कानूनी प्रावधान और सज़ा
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 और 67A के तहत अश्लील सामग्री का निर्माण, वितरण या प्रचार करना दंडनीय अपराध है। दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
नागरिकों के लिए सुरक्षा सुझाव
- किसी भी अनजान टेलीग्राम लिंक या वेबसाइट पर क्लिक न करें।
- सोशल मीडिया पर किसी भी आपत्तिजनक सामग्री को साझा या फॉरवर्ड न करें।
- यदि आपको संदेह है कि आपका डेटा लीक हुआ है, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
- अपने सोशल मीडिया और बैंकिंग ऐप्स पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्रिय करें।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए टेलीग्राम ग्रुप्स और दलालों के नेटवर्क की पहचान शुरू कर दी है। साइबर अपराध शाखा इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए तकनीकी निगरानी और डिजिटल फॉरेंसिक की मदद ले रही है।



