छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी के आरोपों पर गृह मंत्री का बड़ा ऐलान, 21 दिसंबर को खुद सुनेंगे शिकायतें
5,967 पदों पर भर्ती के लिए 7 लाख आवेदन, रिजल्ट के बाद उठे सवाल, गृह मंत्री और एडीजी कल्लूरी ने दी शिकायत दर्ज कराने की खुली छूट।

रायपुर, 16 दिसंबर 2025: छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक भर्ती 2023 को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। 9 दिसंबर को घोषित परिणाम के बाद कई अभ्यर्थियों ने चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि यदि किसी को भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का संदेह है, तो वे 21 दिसंबर को सीधे उनसे मिलकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
गृह मंत्री ने दी खुली सुनवाई की घोषणा
गृह मंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि वे 21 दिसंबर को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक स्वयं शिकायतकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा 19 और 20 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय (PHQ) रायपुर में भी अभ्यर्थी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिसके पास भी कोई ठोस साक्ष्य है, वह बिना किसी झिझक के सामने आए।
एडीजी एसआरपी कल्लूरी भी रहेंगे उपलब्ध
भर्ती प्रक्रिया के प्रभारी एडीजी प्रशासन एसआरपी कल्लूरी ने भी कहा है कि वे 19 और 20 दिसंबर को PHQ में मौजूद रहेंगे और अभ्यर्थियों की शिकायतें सुनेंगे। उन्होंने बताया कि 5,967 पदों के लिए लगभग 7 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे और प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न किया गया है। फिर भी यदि किसी को कोई आपत्ति है, तो वे उनसे सीधे मिल सकते हैं।
हाईकोर्ट में भी पहुंचा मामला
सूत्रों के अनुसार, सैकड़ों अभ्यर्थियों ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें चयन सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। इस याचिका में मेरिट लिस्ट, कटऑफ और चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए गए हैं।
सरकार की पारदर्शिता की पहल
गृह मंत्री और एडीजी द्वारा शिकायतों के लिए खुले दरवाजे रखने की घोषणा को सरकार की पारदर्शिता की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे न केवल अभ्यर्थियों को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा, बल्कि भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक भर्ती 2023 को लेकर उठे विवादों के बीच सरकार ने शिकायतों की सुनवाई के लिए स्पष्ट समय और स्थान तय कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सर्वोपरि है। अब देखना होगा कि 21 दिसंबर को कितने अभ्यर्थी अपनी शिकायतें लेकर सामने आते हैं और क्या कोई ठोस साक्ष्य सामने आता है।



