विधानसभा में गूंजा पंडरिया का मुद्दा: विधायक भावना बोहरा ने बिजली, रोजगार और ट्रैक्टर अनुदान पर सरकार से माँगा जवाब

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जनहित के प्रश्नों से सरकार को घेरा; तीन महत्वपूर्ण विभागों से माँगी विस्तृत रिपोर्ट



रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा के नवीन भवन में चल रहे शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन, पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने अपने क्षेत्र के वनांचल (वन क्षेत्र) की विद्युत आपूर्ति, प्रदेश के युवाओं के कौशल विकास एवं रोजगार, और किसानों के लिए ट्रैक्टर खरीदी अनुदान जैसे तीन महत्वपूर्ण जनहित के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया। क्षेत्र की जनता की समस्याओं के त्वरित और प्रभावी समाधान के लिए विधायक बोहरा की सदन में सक्रियता स्पष्ट दिखाई दी।

​वनांचल में बिजली आपूर्ति का मुद्दा

​विधायक भावना बोहरा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से सीधे यह प्रश्न किया कि पंडरिया विधानसभा अंतर्गत वनांचल क्षेत्र के तीनगडडा, पकरीपानी, माराडबरा, अंजवाइनवाह, सरहापथरा, अमीधा, जखनाडीह, छिन्दीडीह और सेजाडीह जैसे गाँवों में बिजली किस माध्यम से पहुँच रही है। साथ ही, उन्होंने इन गाँवों को पूरी तरह विद्युतीकृत करने हेतु क्रेडा (सोलर/ऑन ग्रिड) या विद्युत विभाग की किसी विशेष कार्ययोजना और उसकी संभावित समय-सीमा के बारे में जानकारी माँगी।

मुख्यमंत्री का जवाब: लिखित प्रतिउत्तर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सदन को बताया कि उल्लेखित गाँव सघन वन क्षेत्र में स्थित हैं, जिसके कारण उन्हें वर्तमान में ‘आफग्रिड सोलर होम लाईट’ के माध्यम से विद्युतीकृत किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में क्रेडा या विद्युत वितरण कंपनी (पारंपरिक ग्रिड) द्वारा इन ग्रामों के लिए कोई विशेष कार्ययोजना तैयार नहीं की गई है।

​युवाओं का कौशल और रोजगार: रैंकिंग पर अस्पष्टता

​विधायक बोहरा ने युवाओं के भविष्य से जुड़े कौशल विकास एवं रोजगार के संबंध में प्रश्न करते हुए देश में छत्तीसगढ़ राज्य की वर्तमान रैंकिंग, कौशल विकास योजनाओं की उपलब्धि और प्रशिक्षित एवं प्लेसमेंट प्राप्त युवाओं की संख्या का ब्यौरा माँगा।

मंत्री का जवाब: कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने लिखित जवाब दिया कि कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देश में राज्यों की रैंकिंग का निर्धारण नहीं किया जाता है।

  • प्रशिक्षण और रोजगार: विगत तीन वित्तीय वर्षों (2022-23 से 2024-25) में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 3,326 और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 14,633 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया।
  • ​इनमें से कुल 9,981 युवाओं को रोजगार/प्लेसमेंट प्राप्त हुआ।
  • ​मंत्री ने बताया कि कौशल विकास अवसंरचना और निगरानी तंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए NSQF आधारित कोर्स, बायोमेट्रिक ऑनलाईन उपस्थिति और CCTV के माध्यम से जिला स्तर पर सतत निगरानी की जा रही है। वर्तमान में उपलब्ध सभी 342 केंद्र सक्रिय हैं।

​किसानों को ट्रैक्टर अनुदान: अनियमितता की शिकायत नहीं

​कृषि विकास एवं किसान कल्याण के लिए प्रश्न करते हुए विधायक बोहरा ने कबीरधाम जिले में ट्रैक्टर अनुदान योजना के तहत प्राप्त आवेदनों, पात्र लाभार्थियों की संख्या, वितरित अनुदान राशि और संभावित अनियमितताओं की शिकायतों के बारे में जानकारी माँगी।

कृषि मंत्री का जवाब: माननीय मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि:

  • वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 1131 आवेदन प्राप्त हुए और 70 किसानों को 350.32 लाख रुपए का अनुदान भुगतान किया गया।
  • वित्तीय वर्ष 2025-26 (25 नवंबर तक) में कुल 1643 आवेदन प्रस्तुत किए गए, जिसमें से 77 किसानों को 394.46 लाख रुपए का अनुदान भुगतान किया गया।
  • ​मंत्री ने स्पष्ट किया कि कबीरधाम जिले में ट्रैक्टर अनुदान वितरण में अनियमितताओं के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।

​विधायक भावना बोहरा ने अपने प्रश्नों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि पंडरिया विधानसभा के वनांचल क्षेत्रों की मूलभूत आवश्यकताएँ और प्रदेश के किसान-युवा हितैषी योजनाएँ सदन के रिकॉर्ड पर आएं, जिससे सरकार की भावी कार्ययोजना पर दबाव बन सके।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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