पंचायत बैठक में विवाद: उपसरपंच पति पर गाली-गलौज और मारपीट का आरोप, खरोरा थाने में शिकायत दर्ज
पंचायत की कुर्सी का रौब, उपसरपंच पति ने मीटिंग में पंच को पीटा

खरोरा। जिले के खरोरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बुडेरा में ग्राम पंचायत की बैठक के दौरान उपसरपंच पति पर एक पंच के साथ गाली-गलौज और मारपीट करने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित पंच ने इस संबंध में खरोरा थाना प्रभारी को लिखित शिकायत सौंपी है और न्याय की गुहार लगाई है।
घटना का विवरण
शिकायतकर्ता रमेश कुमार खुटे, जो ग्राम पंचायत बुडेरा के पंच हैं, ने अपनी शिकायत में बताया है कि यह घटना 12 दिसंबर 2025 की रात्रि लगभग 8:30 बजे ग्राम पंचायत भवन में हुई।
रमेश खुटे के अनुसार, ग्राम पंचायत की बैठक के विषय पर चर्चा चल रही थी। इसी दौरान, उपसरपंच दामिनी बंजारे के पति सोनू बंजारे (पिता अर्जुन बंजारे, उम्र करीब 25 वर्ष) ने कथित तौर पर अचानक आपत्तिजनक बातें करना शुरू कर दिया। जब पंच रमेश खुटे ने इसका विरोध करते हुए सोनू बंजारे से बैठक में शांति बनाए रखने को कहा, तो उपसरपंच पति उत्तेजित हो गए।आरोप है कि इसके बाद सोनू बंजारे ने पंच रमेश खुटे के साथ मारपीट और गंदी-गंदी गाली-गलौज की।
आंतरिक चोटों का दावा
पीड़ित रमेश खुटे ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि उन्हें आंतरिक रूप से काफी चोटें आई हैं। उन्होंने पेट, सिर, और अंडकोष में असहनीय पीड़ा होने की बात कही है।
अवैध कब्जा हटाने को लेकर विवाद की आशंका
मिली जानकारी के अनुसार, इस विवाद का कारण सोनू बंजारे द्वारा कथित तौर पर बेजा कब्जा किया गया है। आरोप है कि रमेश खुटे इस अवैध बेजा कब्जा जिसका खसरा नंबर 435/2 को हटाने की बात कर रहे थे, जिस पर गुस्से में आकर उपसरपंच पति ने अपनी पत्नी के पद का गलत फायदा उठाते हुए यह मारपीट की।
पुलिस से न्याय की अपील
रमेश खुटे ने खरोरा थाने में अपनी रिपोर्ट दर्ज कराते हुए पुलिस से अनुरोध किया है कि सोनू बंजारे (उपसरपंच पति) द्वारा किए गए गाली-गलौज, मारपीट और धमकी भरे कृत्यों पर उचित कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके।
थाना प्रभारी को सौंपी गई लिखित शिकायत के आधार पर, पुलिस अब मामले की जांच कर रही है और आरोपों की सत्यता सुनिश्चित करने के बाद आवश्यक कानूनी कार्यवाही करेगी।
मिली जानकारी के अनुसार सोनू बंजारे अवैध वसूली का कार्य भी करता है । साथ ही सोनू बंजारे अवैध जमीन पर कब्जा करके घर बनाकर रह रहा है। इस मामले में यह जानकारी भी मिली की सरपंच भरत राजा ने भी सोनू बंजारे का साथ देते हुए पुलिस थाने में मारपीट की घटना को झूठा बताया।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस मामले में तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर किस प्रकार निष्पक्ष जाँच करती है। कानूनी कार्यवाही की दिशा इसी बात पर निर्भर करेगी कि क्या पुलिस सत्य और न्याय के पक्ष में कदम उठाते हुए आरोपों की गहराई से छानबीन करती है, या फिर अपर्याप्त साक्ष्यों अथवा किसी व्यक्ति विशेष की गवाही (जैसे सरपंच) के आधार पर मामले की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर देती है।


