इंडसइंड बैंक फर्जीवाड़ा मामला: 04 वर्ष से फरार पूर्व बैंक कर्मचारी मनीष कदम गिरफ्तार, निजी दस्तावेजों से खोला था फर्जी खाता
दुकानदार के निजी दस्तावेज का उपयोग कर 'कन्हैया सेल्स' के नाम से खोला गया था चालू खाता; तत्कालीन बैंक प्रबंधक की भूमिका पर भी जांच जारी।

रायपुर । रायपुर पुलिस को धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज के उपयोग से अवैध लेन-देन करने वाले एक बड़े मामले में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। इंडसइंड बैंक के पूर्व कार्यरत कर्मचारी मनीष राव कदम को, जो पिछले चार वर्षों से फरार चल रहा था, आज दिनांक 15 दिसंबर 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी मनीष कदम पर आरोप है कि उसने एक स्थानीय दुकानदार के निजी दस्तावेजों का उपयोग करके सुनियोजित षडयंत्र के तहत फर्जी चालू खाता खोला और उसके माध्यम से विदेशों से अवैध लेन-देन किया।
ऐसे दिया गया ठगी की घटना को अंजाम
मामले का खुलासा तब हुआ जब प्रार्थी अजय कुमार यदु ने थाना मौदहापारा में विस्तृत रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रार्थी ने बताया कि वर्ष 2011 में उसके साले के परिचित और इंडसइंड बैंक, कृष्णा कॉम्प्लेक्स में कार्यरत कर्मचारी मनीष राव कदम उसकी प्रिंटर्स की दुकान पर आया था। जान-पहचान का फायदा उठाते हुए मनीष कदम ने अजय कुमार यदु को अधिक ब्याज का लालच देकर उसकी फर्म ‘मां सम्लेश्वरी ऑफसेट प्रिंटर्स’ के नाम पर चालू खाता खोलने के लिए कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए।
आरोपी ने प्रार्थी से उसके निजी दस्तावेजों की छायाप्रति, पासपोर्ट साइज़ फोटो और 10,000/- नगद भी लिए। प्रार्थी ने बैंक जाए बिना ही चेक बुक प्राप्त कर ली, लेकिन कभी खाते में लेन-देन नहीं किया।
ईडी के समंस से हुआ सनसनीखेज खुलासा
यह धोखाधड़ी 13 दिसंबर 2019 को तब सामने आई जब प्रार्थी अजय कुमार यदु को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), भारत सरकार द्वारा समंस भेजकर स्थानीय कार्यालय बुलाया गया। ईडी कार्यालय में प्रार्थी को यह चौंकाने वाली जानकारी मिली कि उसे ‘कन्हैया सेल्स’ नामक एक अन्य फर्म का प्रोपराइटर बनाकर इंडसइंड बैंक के कर्मचारी मनीष कदम, तत्कालीन बैंक प्रबंधक और उनके अन्य सहयोगियों ने एक राय होकर, छल-कपट और धोखाधड़ी पूर्वक कूट रचना कर एक चालू खाता खोल दिया था। आरोप है कि इस फर्जी खाते का उपयोग विदेशों से रूपयों के अवैध लेन-देन के लिए किया जा रहा था।
इस खुलासे के पश्चात्, प्रार्थी अजय कुमार यदु की रिपोर्ट पर थाना मौदहापारा में आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 21/22 धारा 419, 420 भादवि. के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया था।
चार साल बाद हुई गिरफ्तारी
ठगी की घटना को अंजाम देने के पश्चात् आरोपी लगातार फरार चल रहे थे। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में, एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट (ACCU) और थाना मौदहापारा पुलिस की संयुक्त टीम लगातार आरोपियों की तलाश में जुटी थी। टीम द्वारा मुखबिरों को सक्रिय किया गया और तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया गया।
इसी दौरान, ए.सी.सी.यू. टीम को तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी मनीष कदम राव की जिला रायपुर में उपस्थिति के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने आरोपी मनीष राव कदम (पिता घनश्याम राव कदम, उम्र 45 साल, निवासी अविनाश कैपिटल होम्स फेस 02, ब्लॉक नं. सी, म.नं. 513 थाना विधानसभा, रायपुर) को धर दबोचा।
रायपुर पुलिस अब इस मामले में संलिप्त अन्य आरोपियों, विशेष रूप से तत्कालीन बैंक प्रबंधक, की भूमिका और उनके छिपने के संभावित ठिकानों पर रेड कार्यवाही जारी रखेगी, ताकि इस सुनियोजित षडयंत्र की पूरी कड़ियां जोड़ी जा सकें।



