जमीन की रजिस्ट्री हुई 10 गुना महंगी: कांग्रेस ने गाइडलाइन दरों को बताया ‘तुगलकी फरमान’, कहा- विरोध करने वालों को पीटा जा रहा है
बिना सलाह-मशवरे के गाइडलाइन दरें कई गुना बढ़ाई गईं, प्रदेश भर में जनमत सरकार के खिलाफ: सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर। छत्तीसगढ़ में गाइडलाइन दरों में की गई भारी वृद्धि को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर तीखा हमला किया है। प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि इस वृद्धि की वापसी पर सरकार का कोई फैसला नहीं लेना “जनता पर अत्याचार” है।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि गाइडलाइन की दरें जिस प्रकार से बढ़ाई गई हैं, उससे पूरे प्रदेश में जनमत सरकार के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी सलाह मशवरे के बिना सुझाव बिना दावा आपत्ति के अचानक जमीनों की गाइडलाइंडर कई गुना बढ़ा दी गई।
उन्होंने सरकार के विरोध प्रदर्शनों से निपटने के तरीके की निंदा करते हुए कहा कि इस अलोकतांत्रिक सरकार में असहमति के लिए कोई स्थान नहीं है। सरकार गलत नीतियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को कुचलने के लिए बर्बरता पर उतर आई है। महिलाओं और कारोबारियों को पीटा जा रहा है, लाठी डंडे और लात घुसे चलाए जा रहे हैं, और लोगों को जेल भेजा जा रहा है।
जमीन खरीदना अपराध नहीं, अहंकार में कारोबारी को अपराधी बता रही भाजपा
प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता के अहंकार में वे जमीन कारोबारियों को अपराधी के तौर पर प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, किसानों, गरीब मध्यमवर्गीय परिवारों के द्वारा भूखंड खरीदने वालों को भ्रष्टाचारी बताया जा रहा है, क्या जमीन की खरीदी बिक्री करना इस सरकार में अपराध हो गया है?
शुक्ला ने कहा कि यह सरकार रोजी, रोजगार, नौकरी तो दे नहीं पा रही। यदि कोई व्यक्ति जमीन के कारोबार से अपना परिवार पाल रहा है, तो इस सरकार में वह अपराधी बन गया है।
तुगलकी फरमान से रजिस्ट्री का खर्च 10 गुना बढ़ा, फाइनेंस फ्रॉड की बढ़ी आशंका
सुशील आनंद शुक्ला ने चेतावनी दी कि सरकार के इस “तुगलकी फरमान” से अनेकों जगहों पर जमीन की रजिस्ट्री का खर्च 10 गुना तक बढ़ गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 50 हज़ार की रजिस्ट्री का खर्च अब 5 लाख से ज्यादा हो गया है, जिससे आम आदमी का जमीन मकान खरीदने का सपना टूटने लगा है।
उन्होंने कहा कि जमीन की रजिस्ट्री की लागत बढ़ने से भ्रष्टाचार और कालीकमाई में हिस्सेदार सत्ताधारी दल के भाजपा नेताओं को भले ही फर्क ना पड़े, लेकिन गरीब मध्यम वर्ग परिवार के लिए यह बहुत बड़ी वृद्धि है।
सुशील आनंद शुक्ला ने आंकड़े देते हुए बताया कि पूरे प्रदेश में औसत प्रतिदिन रजिस्ट्री की संख्या में 90 प्रतिशत तक कमी आई है, क्योंकि लोग अब पॉवर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney), मुख्तारनामां, और गिफ्ट डीड (Gift Deed) बनाने लगे हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि बाजार भाव से कई गुना अधिक गाइडलाइन दर होने से फाइनेंस फ्रॉड और अधिक लोन लेकर डिफॉल्ट करने की संभावना भी बढ़ गई है।
अंत में, कांग्रेस ने मांग की कि यह सरकार गाइडलाइन दर को लेकर अपने अनुचित निर्णय पर पुनर्विचार करे और इस अनुचित वृद्धि को तुरंत वापस ले।



