नक्सलवाद पर स्तरहीन राजनीति कर रहे प्रधानमंत्री’, भाजपा के 15 सालों में फैला नक्सलवाद : दीपक बैज
झीरम-2 की साजिश तो नहीं?' : बैज ने पूछा- मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री क्यों हिचके नक्सली समर्पण स्थल पर जाने से; ऑपरेशन क्यों बंद हुआ?

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नक्सल मामले में कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने जोरदार पलटवार किया है। बैज ने सरकार से सीधा सवाल करते हुए पूछा है कि सरकार बताए कि नक्सलियों से क्या गोपनीय शांति वार्ता हुई और उस चर्चा के तथ्य क्या थे?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर नक्सलवाद जैसे संवेदनशील विषय पर “स्तरहीन राजनीति” करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे लंबे समय तक भाजपा की सरकार थी और भाजपा सरकार के 15 सालों में नक्सलवाद बस्तर के तीन ब्लॉकों से निकलकर प्रदेश के 14 जिलों तक पहुंच गया था।
दीपक बैज ने अपनी सरकार के दौरान हुए कार्यों पर जोर देते हुए बताया कि कांग्रेस की सरकार के पाँच सालों में नक्सलवाद बस्तर के सिर्फ 40 किमी के दायरे में सिमट गया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2022 में खुद मोदी सरकार के गृह मंत्रालय ने यह बात स्वीकार की थी कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी आई है।
नक्सली समर्पण पर उठाए गंभीर सवाल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने हाल ही में हुए नक्सली समर्पण पर सरकार की मंशा पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं:
- शांति वार्ता: समर्पण से पहले नक्सलियों और सरकार के बीच हुई शांति चर्चा के तथ्य क्या थे?
- ऑपरेशन बंदी: नक्सल सरेंडर के बाद पूरे बस्तर में अघोषित रूप से नक्सल ऑपरेशन बंद क्यों हुआ?
- मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति: बस्तर में जब 200 नक्सलियों ने समर्पण किया, तब मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री दंतेश्वरी एयरपोर्ट पर डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में बैठे रहे। उन्होंने सवाल किया कि वे सरेंडर स्थल पर क्यों नहीं गए? जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने तो बकायदा नक्सलियों से हथियार हाथ में लेकर समर्पण कराया था। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सरेंडर कराने जाने से क्यों हिचक रहे थे?
- झीरम-2 की साजिश: बैज ने आशंका जताते हुए पूछा कि क्या ऑपरेशन बंद करके झीरम-2 जैसी कोई साजिश तो नहीं रची जा रही है?
बैज ने इन सभी सवालों पर वर्तमान सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है।



