दिव्यागों के नाम पर 1000 करोड़ की डकैती में शामिल भाजपा नेताओं पर कब होगी कार्यवाही? : सुरेंद्र वर्मा
क्या भाजपाई संविधान, कानून और तमाम जांच एजेंसियों के दायरे से बाहर हैं?


रायपुर। भ्रष्टाचार पर भाजपा के दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भ्रष्टाचार का आरोप और भेदभाव पूर्ण कार्यवाही भाजपा के सिलेक्टिव पॉलिटिक्स का नमूना है। दिव्यांगों के हक और अधिकार का पैसा हजम करने वाले मामले में कुछ अधिकारी कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाकर असल गुनहगारों को संरक्षण देने का षडयंत्र रचा गया है। निः शक्तजनों के लिए स्थापित स्टेट रिसोर्स सेंटर और फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर के नाम पर भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान 1000 करोड़ से अधिक की भारी अनियमितता की गई, वित्तीय हेरफेर कर राज्य के खजाने को चोट पहुंचाया गया।
जांच रिपोर्ट में 31 अनियमितताऐं उजागर हुई है, बिना भर्ती किए फर्जी तरीके से अलग अलग नामों पर वेतन निकाला गया। 2004 से 2018 के बीच रमन सरकार में यह सब कुछ हुआ, रमन सरकार और उनके तत्कालीन मंत्रियों की संलिप्तता कब उजागर होगी? रमन सिंह के तीनों कार्यकाल के समाज कल्याण मंत्रियों और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष को किसका संरक्षण है? कब होगी भ्रष्ट भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी का वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि दुनिया का सबसे बड़ा राशन घोटाला भी भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में हुआ, जांच भी भाजपा की ही सरकार में शुरू हुआ, शिवशंकर भट्ट को मुख्य आरोपी भी भाजपा की ही सरकार ने बनाया, इस मुख्य आरोपी शिव शंकर भट्ट ने 164 के तहत न्यायाधीश के समक्ष बयान दिया कि पूरे घोटाले का सरगना तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह है। नान के पूर्व महाप्रबंधक और घोटाले में मुख्य आरोपी बनाए गए शिव शंकर भट्ट ने न्यायालय में दाखिल शपथ पत्र में यह बयान दिया है कि भाजपा ने घोटाले की रकम से ही 2013 का विधानसभा चुनाव लड़ा था।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और त्तकालीन खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले के दबाव में ही 21 लाख फर्जी राशन कार्ड बनाए गए थे, जिससे गरीबों का 36000 करोड़ का राशन बेच कर भ्रष्टाचार किया गया। अब जब एक बार फिर नान घोटाले को लेकर कार्यवाहियां शुरू हुई है, अधिकारी फिर से जेल भेजे जा रहे हैं तो भाजपा सरकार बताएं कि मुख्य आरोपी के 164 के बयान के आधार पर असल सरगना रमन सिंह और तत्कालीन खाद्य मंत्री पर कब कार्यवाही होगी?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि दरअसल भ्रष्टाचार पर भाजपा सेलेक्टिव रवैया अपनाती है। अधिकारियों से वसूली और अपने राजनैतिक विरोधियों को कुचलने के लिए भाजपा के कार्यालयों में पटकथा लिखी जाती है और जांच एजेंसियों के माध्यम से दबाव बनाकर उस पर अमल किया जाता है। कोल परिवहन मामले में चिंतामणि महराज, भारतमाला मुआवजा घोटाले में सिलेक्टिव कार्यवाही, अवैध नशे के खिलाफ कार्यवाहियों में पर्देदारी भाजपा सरकार के दुर्भावना और भेदभाव पूर्ण कार्यवाही का प्रमाण है।
तथाकथित शराब घोटाला मामले में न्यायालय से फरार घोषित एक आरोपी के संदिग्ध बयान के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र की गिरफ्तारी हो गई, लेकिन नान मामले में मुख्य आरोपियों के 164 के तहत बयान और शपथ पत्र पर भी कार्यवाही नहीं? इसका मतलब साफ है कि वर्तमान दौर में भाजपाई संविधान, कानून और तमाम जांच एजेंसियों के दायरे से बाहर हैं?