रायपुर । विधानसभा सत्र के पहले दिन छत्तीसगढ़ की राजनीति एक अनूठे अध्याय में प्रवेश कर गई, जहाँ शब्दों की बजाय संवेदनाओं ने सत्ता के गलियारों को जीवंत कर दिया। विधानसभा सत्र के पहले दिन सत्र की समाप्ति के पश्चात छत्तीसगढ़ की राजनीतिक एवं सामाजिक चेतना का एक नया अध्याय तब जुड़ा, जब विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित समस्त मंत्रीगण एवं विधायकगण अटल नगर स्थित नवीन विधानसभा परिसर में पहुंचे। इस अवसर को विशिष्ट बनाते हुए सभी जनप्रतिनिधियों ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ संकल्प के साथ पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण और मातृ-संवेदना के अद्भुत संगम को जीवंत किया।
बसना विधायक डॉ अग्रवाल की भावनात्मक अभिव्यक्ति
इसी श्रृंखला में बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने भी अपनी मां के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए पौधरोपण किया। उन्होंने पेड़ रोपते हुए भावुक स्वर में कहा, यह केवल एक पौधा नहीं, बल्कि मेरी माँ के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। जिस तरह एक माँ अपने बच्चों को बिना थके, बिना अपेक्षा के जीवन देती है, ठीक उसी तरह यह वृक्ष भी आने वाले वर्षों में छांव, हवा और जीवन देगा। आज मैंने एक पेड़ लगाया नहीं—मैंने अपनी भावनाओं को धरती से जोड़ा है।
विधायक डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा कि यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जड़ों, अपनी माँ और प्रकृति से जुड़ने की प्रेरणा देता है।
एक विचार जो जन-आंदोलन बन सकता है
विधायक डॉ. अग्रवाल ने इस अभियान को एक सामाजिक संकल्प का रूप देते हुए कहा, मुझे विश्वास है कि यदि हर व्यक्ति अपने जीवन में एक पेड़ को अपनी माँ के नाम लगाए, तो ना केवल हमारा पर्यावरण संवर जाएगा, बल्कि हमारी सोच भी संवेदनशीलता की ओर बढ़ेगी।
समाज के लिए संदेश
इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि विकास केवल भवनों और योजनाओं में नहीं होता, बल्कि प्रकृति और भावनाओं के संरक्षण में भी उसकी गूंज सुनाई देती है। बसना विधायक द्वारा व्यक्त की गई भावनाएँ समाज को यह सीख देती हैं कि जब राजनीति मानवता से जुड़े, तो वह जन-आंदोलन बन जाती है।