रायपुर । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस की दो महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता की—प्रदेश पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक और प्रदेश कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक। दोनों बैठकों में आगामी चार महीनों के भीतर पार्टी के सांगठनिक ढांचे को सुदृढ़ करने तथा जनसंवेदनशील मुद्दों पर मुखर रुख अपनाने की रणनीति तैयार की गई।
बैठक की प्रमुख बातों पर एक नजर
- 30 सितंबर तक जिला, ब्लॉक और मंडल स्तर की सभी संगठनात्मक नियुक्तियाँ पूरी करने का लक्ष्य
- राज्य व केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और कांग्रेस नेताओं पर कथित झूठे मामलों को लेकर चिंता व्यक्त की गई
- बस्तर, हसदेव अरण्य और रायगढ़ के तमनार में आदिवासी क्षेत्रों के जल, जंगल, जमीन पर सरकार समर्थित खनन गतिविधियों पर विरोध
- राज्य में खाद-बीज की कमी और स्कूलों के युक्तियुक्तकरण से उपजे जनाक्रोश पर विचार
- जनसंख्या और भौगोलिक विस्तार के अनुसार नए जिलों और ब्लॉकों के पुनर्गठन की आवश्यकता को रेखांकित किया गया
तमनार वन कटाई क्षेत्र के प्रभावितों का प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल से मिला, जिन्होंने इस विषय पर जनआंदोलन की घोषणा की।
बैठकों में एआईसीसी प्रभारी श्री सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष श्री दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता, सांसद, पूर्व मंत्रीगण, संगठनात्मक पदाधिकारी एवं युवा संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे।
कांग्रेस नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों, किसानों और विद्यार्थियों के मुद्दों को लेकर पार्टी संघर्ष तेज करेगी और जनसरोकारों पर व्यापक जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।