रायपुर/धमतरी । मठ मंदिर चौक स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के पुनरुत्थान की प्रक्रिया विधिवत् प्रारंभ हो चुकी है। इस ऐतिहासिक मंदिर को उड़ीसा की परंपरागत स्थापत्य शैली में पुनः निर्माणित करने का निर्णय लिया गया है, जिससे न केवल इसकी प्राचीन दिव्यता फिर से प्रतिष्ठित होगी, बल्कि शहर की आध्यात्मिक पहचान भी नई ऊर्जा पाएगी।
उड़ीसा शैली में होगा भव्य जीर्णोद्धार
धमतरी में उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा व श्री जगन्नाथ मंदिर रायपुर के अध्यक्ष के विशेष मार्गदर्शन में पुनर्निर्माण योजना को अंतिम रूप दिया गया। पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर की शैली पर आधारित इस परियोजना में उड़ीसा के पारंपरिक वास्तुविदों एवं कारीगरों की विशेषज्ञता ली जाएगी। मंदिर की भव्यता और सांस्कृतिक गरिमा को संरक्षित रखते हुए इसके स्वरूप को नवाचार के साथ विस्तार दिया जाएगा।
धार्मिक आस्था का केंद्र ,107वीं रथयात्रा का गौरव
श्री जगन्नाथ मंदिर धमतरी में महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथयात्रा की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इस वर्ष 107वीं रथयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जो मंदिर की सामाजिक और धार्मिक महत्वता को दर्शाता है।
वरिष्ठों की उपस्थिति में तैयार हुई कार्ययोजना
विधायक पुरंदर मिश्रा के साथ मंदिर पुनर्निर्माण की योजना पर विचार-विमर्श में विख्यात वास्तुविद डॉ. अशोक दुबे, धमतरी कलेक्टर अविनाश मिश्रा, एसडीएम पियूष तिवारी तथा मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारीगण शामिल रहे। डॉ. हीरा महावर को जीर्णोद्धार समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है।
समुदाय की सहभागिता से मिलेगा स्थायी वैभव
इस अवसर पर मंदिर के पुजारी बालकृष्ण शर्मा, ट्रस्ट अध्यक्ष किरण कुमार गांधी, उपाध्यक्ष सत्यनारायण राठी, सचिव प्रकाश गांधी, सह-सचिव मोहन अग्रवाल, कोषाध्यक्ष लखमशी भानुशाली, ट्रस्टीगण श्यामसुंदर अग्रवाल, डॉ. हीरा महावर, श्याम अग्रवाल, हर्षद मेहता, गोपाल शर्मा, लक्ष्मीचंद बाहेती, अजय अग्रवाल (सीए), बिपिन पटेल, मदनमोहन खंडेलवाल, बिहारीलाल अग्रवाल, दयाराम अग्रवाल, रमेश लाट, भरत सोनी, अनिल मित्तल सहित विशेष आमंत्रित सदस्य विनोद अग्रवाल, रविकान्त अग्रवाल एवं सेवा कार्य में समर्पित दिलीप सोनी सहित कई श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने इस परियोजना को जनसमर्थन से सशक्त किया।
धमतरीवासियों के सहयोग से मंदिर का पुनःनिर्माण शीघ्र ही पूर्ण होगा और यह पवित्र स्थल पीढ़ियों तक आस्था का प्रेरणास्त्रोत बना रहेगा।