Tuesday, July 1, 2025
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शासन-प्रशासन सुन ले..यह विरोध की शुरुआत है अंत नहीं,जनता की उठी हुंकार-शराब से नहीं, संस्कार से बनते हैं गांव

धरसीवां । ग्राम दोंदे खुर्द में खोली जा रही नवीन शराब दुकान के विरोध में आज जनाक्रोश सड़कों पर उतर आया। संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने विशाल धरना प्रदर्शन किया और शासन प्रशासन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि यदि जनभावनाओं को कुचला गया, तो यह विरोध आंदोलन में बदलेगा और शासन की नींद हराम कर देगा।

मशालों से जले चेतावनी के संदेश

शराब दुकान के विरोध में ग्रामीणों ने पहले गाँव में मशाल जुलूसों के माध्यम से रोष जताया। 28 जून को आयोजित ग्रामसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया दारू भट्टी नहीं चाहिए, सामाजिक शांति चाहिए।

एकजुटता की मिसाल

धरने में दोंदे खुर्द सहित आसपास के दर्जनों गांवों से सैकड़ों ग्रामीण जुटे। जनसैलाब ने नारे लगाए, रैली निकाली और तहसीलदार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।

वक्ताओं की मुखर चेतावनी—एक स्वर, एक संकल्प

  • जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष उद्योरम वर्मा ने कहा शासन गाँव-गाँव में शराब भट्टी खोलकर युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है। यह नीति अगर जारी रही तो कांग्रेस पूरी ताकत से ग्रामीणों के साथ संघर्ष करेगी।
  • पूर्व विधायक अनिता शर्मा ने शासन को महिला विरोधी बताते हुए कहा महिलाओं को हज़ार देकर उनकी जेब से चार हज़ार निकालना चालबाज़ी है।
  • पूर्व सांसद छाया वर्मा ने सरकार की नीतियों को पिछली सरकार की शराबबंदी विरोधी कार्रवाई पर कुठाराघात बताया और कहा 76 नई दुकानों के पीछे युवाओं का भविष्य कुचला जा रहा है।
  • जनपद सदस्य भगत बंजारे ने आह्वान किया अब यह लड़ाई सिर्फ शराब दुकान की नहीं, सामाजिक शुद्धता की है।
  • पूर्व जनपद अध्यक्ष उत्तरा कमल भारती का स्वर दृढ़ था घर और समाज बर्बाद करने वाली शराब को गाँव में घुसने नहीं देंगे।
  • भाजपा युवा नेता सूरज टंडन ने साफ चेताया ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित हो चुका है। अगर शासन ने दारू दुकान खोली, तो हम एक भी बोतल बिकने नहीं देंगे।
  • सतनामी समाज के अध्यक्ष जय बहादुर बंजारे ने पूज्य गुरु घासीदास जी के नाम पर सरकार को ललकारा हम शांति, भाईचारे और शराब बंदी के मार्ग पर चलेंगे। शासन समाज की भावना का सम्मान करे।
  • डोमेश्वरी वर्मा व पंकज शर्मा ने आंदोलन को जिलास्तर पर फैलाने की चेतावनी दी।
  • आलोक शुक्ला (छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन) ने कहा शासन जनतंत्र का अर्थ भूल चुका है, अब जनविरोध को कुचलने पर आमादा है। शराब दुकान से गांव के शिक्षा, स्वास्थ्य और चरित्र सब नष्ट हो जाएंगे। यह निर्णय बदला नहीं गया, तो हम सड़क से सदन तक संघर्ष करेंगे।

धरना स्थल पर मौजूद जनप्रतिनिधियों की सूची

पूर्व राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, पूर्व विधायक अनिता शर्मा, कांग्रेस अध्यक्ष उद्योरम वर्मा, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष दुर्गेश वर्मा, पूर्व जनपद अध्यक्ष उत्तरा कमल भारती, सतनामी समाज के प्रदेश अध्यक्ष जय बंजारे, पूर्व सरपंच अम्मी रेड्डी, जनपद सदस्य भगत बंजारे, सूरज टंडन, सुरेखा ध्रुव, मीना छेतीजा, कविता, सूर्यप्रताप बंजारे, कमल भारती, विजयलक्ष्मी, सुमि, पदमा, माधुरी, खेमिन, सावित्री, पूजा, उर्मिला, अलेन सोनवानी, देवकुमार, गंगाधर, ग्राम मटिया से रामेश्वर वर्मा, उत्तम वर्मा, रामचंद साहू, मीना धीवर, लालपुर से राधा वर्मा, दीपा साहू आदि।

नशा नहीं, नीति चाहिए

ग्रामीणों ने अंतिम स्वर में कहा दोंदे में शराब दुकान नहीं खुलेगी , यह हमारे संकल्प की उद्घोषणा है, शासन इसे चेतावनी समझे। निर्णय बदला नहीं गया, तो यह विरोध आंदोलन की ज्वाला बनेगा ।

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