Tuesday, July 1, 2025
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Breaking News: कुल्लू और शिमला में बादल फटने से भारी तबाही: जनजीवन अस्त-व्यस्त, एनडीआरएफ बचाव कार्य में जुटी

शिमला/कुल्लू, 26 जून, 2025: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और शिमला जिलों में आज हुए बादल फटने की घटनाओं और उसके बाद हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। कई इलाकों में अचानक आई बाढ़, भूस्खलन और सड़कों के धंसने से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जान-माल का भारी नुकसान हुआ है और बचाव अभियान तेजी से जारी है।

तबाही का मंजर: नुकसान और हताहतों की संख्या

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुल्लू जिले के कुछ ऊपरी इलाकों और शिमला के रामपुर बुशहर क्षेत्र में बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इन घटनाओं के कारण:

* जनहानि: अभी तक की रिपोर्टों के अनुसार, कम से कम 5 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 10 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हालांकि, मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

* लापता: कई क्षेत्रों में कुछ लोग लापता भी बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश में बचाव दल जुटे हुए हैं।

* आवासीय और व्यावसायिक नुकसान: अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से दर्जनों घर और दुकानें बह गए हैं या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कई गाड़ियां मलबे में दब गई हैं या पानी के तेज बहाव में बह गई हैं।

* बुनियादी ढांचे को क्षति: सड़कों और पुलों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई जगह सड़कें टूट गई हैं, जिससे यातायात बाधित हो गया है। बिजली और पानी की आपूर्ति भी कई क्षेत्रों में ठप हो गई है। फसलें और बागानों को भी भारी नुकसान हुआ है।

* पर्यटन पर असर: मानसून के दौरान भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं से हिमाचल प्रदेश में पर्यटन पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।

एनडीआरएफ और बचाव अभियान

राज्य सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच गई हैं और स्थानीय प्रशासन, पुलिस और स्वयंसेवकों के साथ मिलकर बचाव अभियान चला रही हैं।

* खोज और बचाव: एनडीआरएफ की टीमें मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रही हैं और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं।

* राहत सामग्री वितरण: प्रभावित परिवारों को भोजन, पानी और अन्य आवश्यक राहत सामग्री वितरित की जा रही है।

* सड़कें खोलने का प्रयास: लोक निर्माण विभाग (PWD) की टीमें बंद पड़ी सड़कों को खोलने और यातायात बहाल करने के लिए भारी मशीनों के साथ काम कर रही हैं।

* चिकित्सा सहायता: चिकित्सा टीमें घायलों को तुरंत उपचार प्रदान कर रही हैं और प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कर रही हैं।

सरकारी प्रतिक्रिया और चेतावनी

राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अगले कुछ दिनों तक पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करने से बचें और नदियों तथा नालों के किनारे न जाएं। मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। मुख्यमंत्री ने स्थिति की समीक्षा की है और अधिकारियों को प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।

यह बादल फटने और भारी बारिश की घटना एक बार फिर हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे और बेहतर आपदा प्रबंधन प्रणालियों की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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