रायपुर। राजधानी के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर परिसर एक बार फिर दिव्यता और उल्लास से सराबोर होगा, जब 27 जून, आषाढ़ शुक्ल द्वितीया, शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी। यह पवित्र परंपरा न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा का संगम भी है।
छेरा-पहरा की पारंपरिक रस्म
विधायक पुरंदर मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि रथयात्रा दिवस की सुबह विधिवत पूजा-अर्चना एवं हवन के साथ समारोह का शुभारंभ होगा। इसके पश्चात राज्यपाल रमेन डेका एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छेरा-पहरा की पारंपरिक रस्म निभाकर ‘नंदी घोष’ रथ को मार्गदर्शित करेंगे।
भक्तों के लिए दुर्लभ अवसर
जगन्नाथ मंदिर सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने पत्रकारों को बताया कि यह रथयात्रा मात्र एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भक्त और भगवान के बीच जीवंत संवाद का विशेष अवसर है। उन्होंने बताया कि भगवान जगन्नाथ वर्ष में केवल एक बार अपने भक्तों को रथ पर सवार होकर दर्शन देने निकलते हैं।
विधायक मिश्रा ने बताया कि इस मंगल अवसर पर भगवान बलराम ‘तालध्वज’ रथ में और माता सुभद्रा ‘देवदलन’ रथ में भगवान जगन्नाथ के साथ गुण्डिचा मंदिर (मौसी का घर) के लिए प्रस्थान करेंगे।
शास्त्रीय परंपराओं का निर्वहन
विधायक मिश्रा के अनुसार, रथयात्रा की शुरुआत ज्येष्ठ पूर्णिमा (स्नान पूर्णिमा) से होती है, जब भगवान को विशेष जलाभिषेक कर स्नान कराया जाता है। इसके बाद वे 15 दिवसीय विश्राम में चले जाते हैं, जहां दुर्लभ जड़ी-बूटियों से तैयार काढ़ा उन्हें स्वास्थ्य लाभ हेतु अर्पित किया जाता है।
भव्य आयोजन
इस वर्ष रथयात्रा में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद अरुण साव*, मंत्रीगण, विधायकगण, सामाजिक संगठन व प्रशासनिक अधिकारी भी आमंत्रित हैं।
आयोजन की प्रमुख झलकियां होंगी:
- 11 वैदिक आचार्यों द्वारा विशेष पूजन व अभिषेक
- रक्त चंदन, गोचारण, केसर, कस्तूरी एवं कपूर से स्नान
- गजामूंग प्रसाद अर्पण पूर्णाहुति के साथ रथयात्रा की शुरुआत
- छेरा-पहरा की परंपरा
- विशाल भंडारा एवं महाप्रसाद वितरण
समापन होगा गुण्डिचा मंदिर में
विधायक मिश्रा ने बताया कि रथ यात्रा का समापन गुण्डिचा मंदिर में होगा। श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति को देखते हुए सुरक्षा, जलपान, और भंडारे की व्यवस्था को विशेष रूप से दुरुस्त किया गया है।