रायपुर । कभी-कभी एक सफर भरोसे के नाम पर शुरू होता है, लेकिन खत्म होता है ठगी के एहसास के साथ। प्रार्थी योदराम यादव, जो अपने गांव से ट्रैक्टर का टायर खरीदने रायपुर आया था, शायद सोच भी नहीं सकता था कि उसकी गाढ़ी कमाई की नगदी को एक सुनियोजित चाल में उससे छीन लिया जाएगा।
30 मई को घड़ी चौक पर खड़े एक ऑटो में सवार होकर प्रार्थी ने माता गैरेज, पंडरी की ओर जाने का फैसला किया। ऑटो के अंदर एक अजनबी पहले से बैठा था, जो ड्राइवर से बातें करता जा रहा था। राह बढ़ती रही, मगर नियति कुछ और लिख चुकी थी।
रास्ते में अचानक ऑटो बंद हो गया। ड्राइवर ने वाहन खराब होने का बहाना बनाया और प्रार्थी को नीचे उतरने को कहा ताकि वह धक्का देकर उसे चालू कर सके। मासूमियत और भरोसे में प्रार्थी ने उसकी मदद की, लेकिन जैसे ही वह थोड़ा दूर हुआ, ऑटो चालक तेजी से भाग निकला और साथ ही ले गया प्रार्थी की जेब से ₹39,500/- की नगदी।
घटना के बाद प्रार्थी ने पुलिस से संपर्क किया और थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, मुखबिरों को तैनात किया और गहन जांच शुरू की।
कुछ ही समय में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले और आरोपी मोह. आसिक अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपनी ठगी की साजिश को स्वीकार किया।
पुलिस ने आरोपी के कब्जे से ₹25,000/- की नगदी और ऑटो वाहन जप्त किया। शेष राशि उसके साथी को सौंप दी गई थी,जो अभी फरार है ।जिसकी तलाश जारी है।
गिरफ्तार आरोपी
- -मोह. आसिक अंसारी (29 वर्ष) निवासी कोहका हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, थाना सुपेला, जिला दुर्ग।
इस वारदात ने साबित किया कि धोखेबाजी की जड़ें गहरी होती हैं, मगर पुलिस की सख्त नजर उन्हें उखाड़ने के लिए तत्पर रहती है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने 303(2) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज कर, इस ठग को सलाखों के पीछे पहुंचाया।