रायपुर । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूर्व विधायक एवं पूर्व एआईसीसी सचिव विकास उपाध्याय ने आज योगाभ्यास कर नागरिकों को स्वस्थ और संतुलित जीवन की ओर प्रेरित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि योग सिर्फ शारीरिक कसरत नहीं, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन का माध्यम है।
विकास उपाध्याय ने कहा, “आज की भागदौड़ और तनाव भरी ज़िंदगी में योग ही ऐसा साधन है, जो हमें भीतर से सशक्त करता है। यह भारत की प्राचीन परंपरा है, जिसे अब वैश्विक पहचान मिली है — और हमें गर्व के साथ इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।”
उन्होंने युवाओं से विशेष आग्रह किया कि “नियमित योग न केवल शरीर को रोगमुक्त रखता है, बल्कि सोच और दृष्टिकोण को भी सकारात्मक बनाता है। हर व्यक्ति को दिन में कुछ समय अपने स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए देना चाहिए।”
विकास उपाध्याय ने यह भी कहा कि योग किसी प्रदर्शन का विषय नहीं, बल्कि यह आत्म-अनुशासन और आत्मचिंतन की प्रक्रिया है। इसे नीतियों और प्रचार से अलग रखकर व्यक्तिगत आचरण का हिस्सा बनाना चाहिए।
अंत में उन्होंने सभी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए आशा जताई कि यह दिवस एक नए संकल्प का अवसर बने — एक स्वस्थ, जागरूक और संतुलित समाज की ओर।