
छत्तीसगढ़ में ACB व EOW की रेड दूसरे दिन भी जारी है। सुकमा-कोन्टा के बाद अब दोरनापाल में ACB व EOW ने छापा मारा है। वन विभाग के कर्मचारी के घर पर रेड डाली गई है। सुबह से ACB व EOW की टीम वन विभाग के कर्मचारी के घर मौजूद हैं।

ये मामला तेंदूपत्ता के बोनस में हुए भ्रष्टाचार के मामले से जुड़ा है। जिला मुख्यालय सुकमा में भी वन विभाग के एक प्रबंधक के घर छापा मारने की खबर है। वहीं एक दिन पहले यहां पूर्व विधायक के ठिकानों सहित तेंदूपत्ता प्रबंधकों के घर पर छापेमार की कार्रवाई हुई थी। जिले के आधा दर्जन ठिकानों पर एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने दबिश दी थी। इसके बाद जिले में हड़कंप मच गया था।
गुरुवार को क्या हुआ?
गुरुवार की सुबह से ही सुकमा जिले के अलग-अलग ठिकानों में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम पहुंचकर कार्रवाई की थी। नक्सल प्रभावित जिले में पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई से हड़कंप मच गया था। ACB व EOW टीमें गुरुवार सुबह पूर्व विधायक और सीपीआई नेता मनीष कुंजाम के ठिकानों पर पहुंची थीं। इनके रिश्तेदार के घर भी टीम पहुंची थी।
इनके घर पर पड़ा था छापा
- पूर्व विधायक सीपीआई नेता मनीष कुंजाम
- कोंटा प्रबंधक – शरीफ़ खान
- पालाचलमा प्रबंधक – वेंकट रवाना
- फूलबगड़ी प्रबंधक- राजेशेखर पुराणिक
- जगरगुंडा प्रबंधक- रवि गुप्ता,
- मिशिगुडा प्रबंधक- राजेश आयतु,
- एर्राबोर प्रबंधक – महेंद्र सिंह
क्या है मामला?
सुकमा जिले में तेंदूपत्ता बोनस राशि मामले घोटाले के आरोप लगे थे। ग्रामीण आदिवासी संग्राहकों को लगभग 6 करोड़ रुपए बांटने थे, जिस राशि पर गबन के आरोप लगा था। तेंदूपत्ता बोनस मामले को लेकर मनीष कुंजाम ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद जांच में सुकमा डीएफओ अशोक पटेल पर कार्यवाही करते हुए निलंबित भी किया। 8 मार्च को डीएफओ के घर पर भी एसीबी और EOW की रेड पड़ी थी।
वहीं सुकमा जिले के कांग्रेस नेता और सीपीआई नेताओं ने आरोप लगाया कि ये भाजपा सरकार बदले भी कार्यवाही कर रही है।जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सीपीआई भाजपा का समर्थन नहीं करने के कारण उनके घर पर ये जांच टीम भेजी हैं और उनको बदनाम करने की तैयारी की हैं।
नोेटिस चस्पा
छापेमारी के दौरान कोंटा प्रबंधक मो.शरीफ़ खान घर पर नहीं होने की वजह से उनके घर नोटिस चस्पा किया। वहीं तलाशी में डीएफओ कार्यालय के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के ठिकानों से 26 लाख 63700 रुपए कैश, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, कई बैंक एकाउंट और निवेश से संबंधित दस्तावेज मिले है। बताया जाता है कि तलाशी के दौरान मिले इनपुट के आधार पर संदेह के दायरे में आने वाले आधा दर्जन से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए दफ्तर बुलवाया गया है।
मामले में मनीष कुंजाम ने खुद की थी शिकायत
इस पूरे मामले में 8 जनवरी 2025 को पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने सुकमा कलेक्टर से गबन होने की शिकायत की थी। उनकी शिकायत के बाद ही जांच शुरू की गई और डीएफओ अशोक पटेल को निलंबित किया गया था। मनीष कुंजाम ने अपनी शिकायत में तेंदुपत्ता संग्राहकों को उनकी राशि देने की मांग की थी। अब उनके घर छापे के बाद सीपीआई नेता रामा सोढ़ी ने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेता मनीष कुंजाम के घर छापे की कार्रवाई राजनीतिक षड्यंत्र हैं। हमारी पार्टी ने तेंदूपत्ता के बोनस राशि में गबन का मामला उठाया था। अब हम पर ही कार्रवाई हो रही है।