शनिवार का राहुकाल और शुभ मुहूर्त: जानिए आज के पंचांग, धार्मिक महत्व और शुभ-अशुभ समय की सटीक जानकारी



रायपुर, 4 अक्टूबर 2025: आज अश्विन शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। शनि देव के प्रभाव वाले शनिवार को राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का विशेष संयोग बन रहा है। जानिए कब करें शुभ कार्य और कब रहें सावधान।


राहुकाल क्या होता है और क्यों होता है

राहुकाल वैदिक ज्योतिष में एक ऐसा समय माना जाता है जिसमें कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, नया व्यापार, यात्रा, खरीदारी, या धार्मिक अनुष्ठान शुरू नहीं करना चाहिए। यह काल राहु ग्रह के प्रभाव में आता है, जो छाया ग्रह है और इसे अशुभ माना जाता है।

राहुकाल हर दिन अलग-अलग समय पर होता है और यह सूर्य उदय के समय से लेकर सूर्यास्त तक के बीच लगभग डेढ़ घंटे का होता है। यह समय किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए वर्जित माना गया है क्योंकि इस दौरान राहु की नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है।


आज 4 अक्टूबर 2025 को राहुकाल का समय (रायपुर के अनुसार)

  • राहुकाल: प्रातः 09:13 बजे से 10:41 बजे तक
  • गुलिक काल: 06:16 से 07:44 बजे तक
  • यमगण्ड काल: 13:45 से 15:13 बजे तक

इस समय के दौरान कोई भी नया कार्य, यात्रा, निवेश, विवाह, या पूजा आरंभ नहीं करनी चाहिए।


राहुकाल में क्या न करें और क्या करें

न करें:

  • कोई भी नया कार्य शुरू न करें
  • यात्रा, खरीदारी, निवेश या व्यापारिक निर्णय न लें
  • विवाह या मांगलिक कार्य न करें
  • घर में पूजा या हवन की शुरुआत न करें

कर सकते हैं:

  • पहले से चल रहे कार्यों को जारी रख सकते हैं
  • ध्यान, जप, साधना, आत्मचिंतन
  • राहु ग्रह के शांति उपाय जैसे राहु मंत्र का जाप
  • काले तिल, नीले फूल, या नीले वस्त्र का दान

राहुकाल में कार्य न करने का कारण:
इस समय राहु की नकारात्मक ऊर्जा वातावरण में सक्रिय रहती है, जिससे कार्यों में बाधा, भ्रम, दुर्घटना या असफलता की संभावना बढ़ जाती है।


क्या राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाए तो शुभ कार्य किया जा सकता है

यदि अभिजीत मुहूर्त राहुकाल के भीतर आता है, तो भी अभिजीत मुहूर्त को श्रेष्ठ माना जाता है। यह एक ऐसा काल है जो सभी दोषों को समाप्त करने की क्षमता रखता है। इसलिए यदि कोई कार्य अत्यंत आवश्यक हो, तो अभिजीत मुहूर्त में किया जा सकता है।


आज का शुभ मुहूर्त (रायपुर के अनुसार)

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:46 बजे से 12:33 बजे तक
  • शुभ चौघड़िया:
    • प्रातः 06:16 से 07:44 – लाभ
    • दोपहर 12:33 से 14:01 – शुभ
    • शाम 16:29 से 17:57 – अमृत

आज का पंचांग (4 अक्टूबर 2025)

  • तिथि: अश्विन शुक्ल पक्ष द्वादशी (17:09 तक)
  • वार: शनिवार
  • नक्षत्र: धनिष्ठा (09:09 तक)
  • योग: शूल (21:45 तक)
  • करण: बालव (17:09 तक), कौलव (28:11 तक)
  • सूर्योदय: 06:16 बजे
  • सूर्यास्त: 18:02 बजे
  • चंद्रमा की स्थिति: कुंभ राशि में
  • विक्रम संवत: 2082
  • शक संवत: 1947

आज का धार्मिक महत्व

आज शनि देव का दिन है। शनिवार को शनि की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। साथ ही द्वादशी तिथि विष्णु पूजा के लिए उत्तम होती है। धनिष्ठा नक्षत्र में संगीत, कला और सामाजिक कार्यों की शुरुआत शुभ मानी जाती है।

आज शनि प्रदोष व्रत भी है, जो संतान सुख, रोग निवारण और आर्थिक समृद्धि के लिए किया जाता है। इस व्रत में शाम को शनि मंदिर में दीपक जलाकर शनि मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी होता है।


डिस्क्लेमर : यह जानकारी वैदिक पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी धार्मिक या व्यक्तिगत निर्णय से पूर्व योग्य ज्योतिषाचार्य या पंडित से परामर्श अवश्य लें। इस लेख में दी गई जानकारी की पुष्टि हेतु पाठक स्वयं स्रोतों की जांच करें। www.the4thpillar.live ऊपर दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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