रायपुर । बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि और आम उपभोक्ताओं पर बढ़ते भार के खिलाफ रायपुर में कांग्रेस ने लालटेन और चिमनियों के साथ चेतावनी की मशाल जलाई। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने विद्युत विनियामक आयोग के बाहर प्रदर्शन कर सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
उपाध्याय ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़, जो सरप्लस बिजली उत्पादन वाला राज्य रहा है, वहां बीजेपी सरकार आने के बाद से बिजली विभाग घाटे और अव्यवस्थाओं में डूब गया है। कांग्रेस सरकार की ‘बिजली बिल हाफ योजना’ जिसने लाखों उपभोक्ताओं को राहत दी थी, उसे बंद कर दिया गया है जबकि आम जनता अब स्मार्ट मीटर की मार झेल रही है। न तो सुविधा है, न ही पारदर्शिता, सिर्फ़ बढ़ते बिल और बढ़ती परेशानी है।
1750 करोड़ का बकाया सरकारी कार्यालयों पर, लेकिन आम आदमी पर बिजली कटौती की सज़ा,यह कैसा न्याय? यह सवाल कांग्रेस ने जोर से उठाया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक खुद सरकार अपने विभागों में स्मार्ट मीटर नहीं लगवा पा रही, तब तक आम उपभोक्ताओं को जबरन क्यों परेशान किया जा रहा है?
4500 करोड़ के घाटे की भरपाई जनता से—क्यों?
मई से लागू होने वाले 7.15% एफपीपीएएस शुल्क को लेकर कांग्रेस ने आशंका जताई कि यह सिर्फ शुरुआत है। विपक्ष ने चेताया कि जिस तरह से जनसुनवाई “चोरी-छिपे” की जा रही है, वह सत्ता की नीयत पर सवाल खड़ा करता है। आने वाले समय में यदि यही हाल रहा तो “लालटेन और मोमबत्ती ही रोशनी का अंतिम सहारा बन जाएं,” उन्होंने कहा।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से प्रमोद चौबे, कन्हैया अग्रवाल, कुमार मेनन, आकाश तिवारी, कमलाकांत शुक्ला, शीतेंद ठाकुर सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे। लालटेन की यह चेतावनी केवल बिजली विभाग के नहीं, पूरी सरकार के लिए संदेश है जनता अब चुप नहीं रहेगी।