गोठान बंद कर दिये अब सरकार को गो संरक्षण की याद आ रही – सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर । सरकार द्वारा गायों के संरक्षण के नाम पर बनाये जाने वाले गोधाम पर सवाल खड़ा करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि गायों और गोवंश संरक्षण की बेहतरीन योजना गौठान, गोधन न्याय योजना को बंद कर दिया। अब राज्य सरकार को गोधन संरक्षण की याद आ रही है। गौठान ऐसी योजना थी जहां ग्रामवासियों को जोड़कर गोवंश का संरक्षण किया जाता था। इस योजना में गोवंश के साथ महिला समूहों के भी आर्थिक उन्नति का मार्ग खुला था। गोधन न्याय योजना में हर आदमी का फायदा था, पशुपालक चरवाहे गोबर बेचकर मुनाफा कमा रहे थे साथ ही गायों का संरक्षण होता था और गायों को दाना, पानी मिलता था। सरकार बदलने पर राजनैतिक विद्वेष के कारण भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस योजना को बंद किया। कितना भी गोधाम बना ले आखिर में गौठान में आना ही पड़ेगा।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्व में घोषणा किये गये गो अभ्यारण्य का क्या हुआ? भाजपा सरकार को सवा साल में समझ आया कि भूपेश सरकार के द्वारा बनाये गये गोठान क्यों आवश्यक है? प्रदेश में गोवंश के संरक्षण के लिए हर गांव में गोठान आवश्यक है, वर्तमान सरकार तो प्रदेश के सभी विकास खंडों के सिर्फ 10 गांव में गोधाम बनाने जा रही है जिसमें मात्र 200 गायों की व्यवस्था होगी। गोठान में तो 10 लाख से अधिक गायों के लिए चारा-पानी, शेड की व्यवस्था थी। भाजपा सरकार के पास गौ सेवा के लिये कोई प्लानिंग नहीं है। कांग्रेस सरकार में 10 हजार से अधिक गौठान बने थे 3 लाख एकड़ सरकारी जमीन संरक्षित हुयी थी। गोठान में परंपरागत व्यवसाय को शुरू किया गया। तेल पेरोई, लौहार, बढ़ई को काम मिलता था। पशुधन के लिये चारा-पानी, दवाई की व्यवस्था होती थी। महिला स्वसहायता समूह दो किलो में गोबर 4 रू में गौ मूत्र खरीदी करते थे। गौठान से वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद बनाये जाते थे। भाजपा सरकार ने विद्वेष वश इसको बंद कर दिया।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इससे पहले भाजपा ने गौशालाओं बनाकर भाजपा के नेताओं को करोड़ो का अनुदान दिया था। तब गौशालाओं में गाये मरा करती थी। बड़े-बड़े भाजपा नेताओं की गौशालाओं में गाय के हडडी, चमड़े का व्यापार किया जाता था। गायों के संरक्षण के लिये सबसे अच्छी योजना गौठान है इसे फिर से पुनर्जीवित किया जाये और गोधन न्याय योजना चालू किया जाये।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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