कर्मचारियों की मौज खत्म:बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से उपस्थिति हो रही दर्ज,उपस्थिति का होगा सही आंकलन

रायपुर । अब राजधानी कलेक्टोरेट में नई तस्वीर सामने आ रही हैं। यहां कार्यरत सभी अधिकारी-कर्मचारी सुबह 10 बजे पहुंच कर बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से अपनी आने की उपस्थिति दर्ज करा रहें हैं। वहीं शाम 5ः30 बजे के बाद अपनी कार्यालय छोड़ने की जानकारी दे रहें है।

जिनके पास एंड्रॉइड और आईओएस मोबाईल है, वे इसके एप को डाउनलोड किए हुए है और मोबाईल के सामने सेल्फी कैमरे से फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से तस्वीर लेकर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करा रहे हैं।

यह सिस्टम प्रथम श्रेणी अधिकारी से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अपना रहे हैं। साथ ही की-पैड मोबाईल वाले कर्मचारियों के लिए थंब बायोमेट्रिक डिवाइस की व्यवस्था अधीक्षक कार्यालय में की गई है। कलेक्टर डॉ गौरव सिंह के निर्देश पर यह प्रणाली 22 जनवरी से प्रभावी है।

इस बायोमैट्रिक प्रणाली का मुख्य उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में कार्यकुशलता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इससे कर्मचारियों की उपस्थिति का सही आंकलन हो सकेगा और कार्यों की समयबद्धता तथा गुणवत्ता में भी सुधार होगा। यह प्रणाली पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी।

यह प्रणाली डिजिटल भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी होगा। । अधिकारी कर्मचारी सुबह 10 बजे अपने टेबल पर उपस्थित हो रहे हैं। और प्रतिदिन आम जनता को उपलब्ध होकर उनके कार्याें और समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास कर रहें हैं। इस प्रणाली को कलेक्टोरेट में सुचारू रूप से लागू होने के बाद अन्य कार्यालयों में क्रमिक रूप से लागू किया जाएगा।

गौरतलब है कि एंड्रॉइड और आईओएस वाले मोबाईल अधिकारी एवं कर्मचारी मोबाईल एप इस्टांल कर हाजिरी दर्ज कर रहे है और की-पैड मोबाइल धारक बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से अपनी उपस्थिति दे रहे हैं।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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