‘शरबत जिहाद’ मामला, जानिए क्या कहा था बाबा रामदेव ने और दिल्ली हाइकोर्ट ने क्या की टिप्पणी

Baba Ramdev Sharbat Jihad – दिल्ली हाई कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव को हमदर्द कंपनी और इसके लोकप्रिय उत्पाद रूह अफजा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा, ‘यह कोर्ट की अंतरात्मा को झकझोरता है. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.’

दरअसल बाबा रामदेव ने पिछले दिनों दावा किया था कि हमदर्द कंपनी अपने मुनाफे का इस्तेमाल मस्जिदों और मदरसों के निर्माण के लिए कर रही है. हमदर्द ने इन टिप्पणियों को मानहानिकारक बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने हमदर्द की ओर से पेश हुए. उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा, ‘यह एक चौंकाने वाला मामला है, जो न केवल रूह अफजा को बदनाम करने, बल्कि ‘सांप्रदायिक विभाजन’ का भी मामला है. उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी नफरत हेट स्पीच (फैलाने वाले भाषण) के समान है. रोहतगी ने कहा कि रामदेव ने अपनी टिप्पणी के जरिये हमदर्द पर धर्म के आधार पर हमला किया है और इसे ‘शरबत जिहाद’ कहा है.

बाबा रामदेव ने क्या कहा था ?

बाबा रामदेव ने कहा था, ‘अगर आप वह शरबत पीते हैं, तो मदरसे और मस्जिदें बनेंगी. लेकिन अगर आप यह (पंतजलि का गुलाब शरबत) पीते हैं, तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम् विकसित होगा, पंतजलि विश्वविद्यालय का विस्तार होगा और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा.’  बाबा रामदेव ने इसके साथ ही रूह अफ़ज़ा शरबत को लव जिहाद की कथित साजिश से भी जोड़ दिया था. उन्होंने कहा, ‘जैसे लव जिहाद है, वैसे ही यह भी एक तरह का शरबत जिहाद है. इस शरबत जिहाद से खुद को बचाने के लिए यह संदेश सभी तक पहुंचना चाहिए.’

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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