भामिनी ने सरपंच पद की कुर्सी छोड़ने से ठीक पहले बेटी विवाह योजना का किया निर्वहन,कहा-गांववासियों का दूंगी हमेशा साथ

रायपुर/महासमुंद । ग्राम पंचायत बेलसोंडा की सरपंच भामिनी पोखन चंद्राकर ने अपने कार्यकाल के दौरान अपनी घोषणओं को पूरा करने मे कोई कसर नही छोड़ी।

कुर्सी छोड़ने के पहले योजना का किया निर्वहन

भामिनी सरपंच पद पर रहते हुए हमेशा बेटी विवाह में 1105/ रुपए टिकवन के रूप में देती आ रही है। वहीं इस बार कुर्सी छोड़ने से ठीक एक दिन पहले यानि 2 मार्च को गांव की दो बेटियों कत्यायनी साहू ,माता भूखीन बाई साहू ,पिता भारत साहू तथा डिम्पल धीवर ,माता आशा धीवर, पिता तेजराम धीवर की विवाह मे जाकर प्रत्येक को 1105/ रूपये टिकावन स्वरुप भेंट दिया। भामिनी ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिवस मे भी अपनी घोषणाओं को पूरा किया ।

आपको बता दें कि चंद्राकर ने चुनाव पूर्व किये गए घोषणओं जिसमे दुख की घड़ी मे दुखी परिवार को 2000/ नगद तथा 50 किलोग्राम चावल एवं बेटी विवाह मे 1105/ रूपये टिकावन स्वरुप भेंट करने का वादा किया था। जिसे उसने बखूबी ईमानदारी पूर्वक निभाया तथा इन दोनो योजनाओं मे भामिनी चंद्राकर ने बीते पांच सालों मे 928305/ रूपये खर्च किये l

गांव की हूं बेटी ,गांव की हूं बहु

भामिनी चंद्राकर ने चर्चा के दौरान कहा कि गांव की मिट्टी से बनी हूं । इस मिट्टी की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगी। सुख हो या दुख हो गांववासियों का हरदम साथ दूंगी। आगे भी गांव और गांववासियों के लिए कार्य करूंगी ।

भामिनी चंद्राकर की इस प्रकार वादा निभाने की कार्यप्रणाली से सभी जनप्रतिनिधियों को एक अच्छी सीख मिलती है। कि सुख दुख में हमेशा एक दूसरे का साथ देते रहना चाहिए।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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