रायपुर । छत्तीसगढ़ में हुए करोड़ों के कोयला घोटाले केस में आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दर्ज केस में एसीबी की रिमांड सोमवार को खत्म हो गई है। एसीबी ने सौम्या से 10 दिनों तक पूछताछ की।
इसके बाद उन्हें एसीबी-ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। जहां दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने सौम्या चौरसिया को तीन दिसंबर तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया। इसके अलावा सोमवार को कस्टम मिलिंग घोटाले मामले में गिरफ्तार मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी और कारोबारी रोशन चंद्राकर को भी कोर्ट में पेश किया है।
ईओडब्ल्यू को 15 दिन की पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों की रिमांड मिली थी। यह रिमांड खत्म होने पर ईओडब्ल्यू ने दोबारा रिमांड बढ़ाने की अनुमति कोर्ट से नही मांगी है, लिहाजा न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को तीन दिसंबर तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश सुनाया।
मनी लाड्रिंग केस में ईडी ने किया था गिरफ्तार
पिछली कांग्रेस सरकार में ताकतवर और प्रभावशाली अफसर रहीं सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और मनी लाड्रिंग केस में ईडी ने दो दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे सेंट्रल जेल रायपुर में बंद हैं। हालांकि कोयला घोटाला मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
सौम्या चौरसिया समेत इन पर यह है आरोप
छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाले में 500 करोड़ रुपए की अवैध उगाही को लेकर ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की थी, जिसके बाद मनी लाड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। आरोपियों ने कोयले के परिवहन में वसूली के लिए नियमों में बदलाव किया गया था।
इस हासिल राशि से आरोपियों ने चल-अचल संपत्तियां अर्जित की गईं, जिनमें कई बेनामी भी हैं। जांच एजेंसी इस मामले में कोल घोटाले के किंगपीन सूर्यकांत तिवारी, कोल वाशरी संचालक सुनील अग्रवाल, आइएएस समीर बिश्नोई, आइएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया समेत अन्य को अलग-अलग तारीखों पर गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी जेल में है।