रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर राजधानी के निवृत्तमान महापौर एजाज ढेबर के कांग्रेस के प्रचार अभियान से पूरी तरह गायब हो जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि कांग्रेस की पिछली भूपेश सरकार की सरपरस्ती में नगर निगम को लूट-खसोट और घपलों का अड्डा बना देने वाले निवृत्तमान महापौर, अब कांग्रेस के लिए इतने अप्रासंगिक हो चले हैं कि पूरे निगम क्षेत्र के बजाय सिर्फ एक वार्ड में उनको समेटकर रख दिया गया है।
संजय श्रीवास्तव ने कहा कि ढेबर को इसके पहले रायपुर दक्षिण के उपचुनाव में भी कांग्रेस नेतृत्व ने प्रचार से पूरी तरह अलग रखा था।
भाजपा प्रदेश महामंत्री ने कहा कि ढेबर को चुनाव प्रचार से दूर करके कांग्रेस ने यह मान लिया है कि एक महापौर के रूप में ढेबर बुरी तरह विफल महापौर साबित हुए हैं और उनकी विफलताओं, घपले-घोटालों और विकास व जनसुविधाओं की अनदेखी से रायपुर शहर की जनता में बेहद आक्रोश है।
ढेबर और उनकी पत्नी को अलग-अलग वार्ड से प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस नेतृत्व ने तुष्टीकरण से प्ररित राजनीतिक समीकरण साधकर असंतोष को थामने की नाकाम कोशिश की है। श्रीवास्तव ने कहा कि दरअसल कांग्रेस राजधानी में अब तक हुई और अभी भी हो रही अपनी फजीहत से साँसत में है और इसके लिए कांग्रेस ने चुनाव प्रचार से दूर रखकर ढेबर के मत्थे ठीकरा फोड़ दिया है।
ढेबर के कार्यकाल में रायपुर शहर की जो दुर्दशा हुई है, निगम में घपले-घोटालों की जितनी कलंक-कथाएँ लिखी गई हैं, उससे उपजे जनाक्रोश को देखकर कांग्रेस को निकाय चुनाव में अपनी ऐतिहासिक हार साफ नजर आ चुकी है। कांग्रेस तो अब अपने सियासी वजूद को जैसे-तैसे बचाने की जद्दोजहद में लगी है।
संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस लाख जतन कर ले, रायपुर नगर निगम से 11 फरवरी को कांग्रेस को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए राजधानी की जनता एक बार फिर संकल्पित हो चुकी है और यह 15 फरवरी को प्रमाणित होने जा रहा है। पिछले 15 वर्षों से रायपुर नगर निगम में कांग्रेस का शासन रहा और शहर की जनता विकास कार्यों व मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसती रही।