भाजपा सरकार की दुर्भावना के चलते तेंदूपत्ता संग्राहकों को हो रहा है भारी नुकसान – दीपक बैज

रायपुर । प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण में कमी को भाजपा सरकार का आदिवासी विरोधी षडयंत्र करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि भाजपा की सरकार नहीं चाहती थी बस्तर के आदिवासियों से पूरा तेंदूपत्ता खरीदा जाए। यही कारण है कि सरकार ने वन प्रबंधन समितियां के माध्यम से खरीदी को बंद करके, सीधे वन विभाग के माध्यम से खरीदने का फैसला किया और समितियां से जुड़े आदिवासियों को पूरी प्रक्रिया से बाहर कर दिया। बस्तर संभाग के चार प्रमुख जिलों बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य लक्ष्य से मात्र 45 प्रतिशत है। पिछले साल इन्हीं चार जिलों के ही संग्राहकों को 155 करोड रुपए के पारिश्रमिक दिया गया था, लेकिन इस वर्ष इन जिलों में कुल भुगतान आधे से भी कम है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि साय सरकार की आदिवासी विरोधी षड़यंत्र का प्रमाण इसी सरकार के द्वारा प्रदर्शित आंकड़ों से स्पष्ट है। बस्तर संभाग के चार जिलों बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के लिए इस वर्ष 2 लाख 70 हजार 600 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से अब तक मात्र 46 प्रतिशत ही खरीदी हो पाई है। इस वर्ष जो सरकार की अकर्मण्यता से खरीदी धीमी कर दी गई और समय पूर्व आंधी बारिश के चलते आदिवासियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक तरफ सरकार तेंदूपत्ता खरीद नहीं रही, ऊपर से मौसम की मार, आदिवासी दोनों तरफ से नुकसान उठाने बाध्य है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि इस सरकार की मंशा पूरी तरह से आदिवासी विरोधी है, सरकार द्वारा किए जा रहे तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान बेवजह संग्राहकों को परेशान किया गया, गुणवत्ता में कमी और आदिवासियों द्वारा संग्रहीत तेंदूपत्ते की मोटाई ज्यादा बता कर बंडल के बंडल को खारिज किया जा रहा है। आदिवासियों के मेहनत को अपमानित करने का काम बीजेपी की सरकार कर रही है। खुद के द्वारा तय लक्ष्य को भी यह सरकार पूरा नहीं कर पा रही है, बस्तर संभाग के ही तेंदूपत्ता संग्राहकों को इस बार सरकार की बदनीयती, दुर्भावना, उपेक्षा के चलते कम से कम 100 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि बस्तर के आदिवासियों के द्वारा संग्रहीत पूरे का पूरा तेंदूपत्ता बिना शर्त और किंतु परंतु के तत्काल खरीदी की व्यवस्था करें और लंबित पारिश्रमिक का तत्काल भुगतान करे सरकार।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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